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पहलगाम में आतंकी हमला: AK-47 से बरसाईं गोलियां, जानें क्यों है ये हथियार आतंकियों की पहली पसंद

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए खौफनाक आतंकी हमले में AK-47 से पर्यटकों पर गोलियां बरसाई गईं। 26 की मौत, 20+ घायल। जानें क्यों आतंकी चुनते हैं ये हथियार।
08:48 PM Apr 23, 2025 IST | Girijansh Gopalan

कल यानी 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक खौफनाक आतंकी हमला हुआ। बीते कुछ सालों में ये सबसे बड़ा आतंकी हमला बताया जा रहा है। ये हमला उन पर्यटकों पर हुआ जो पहलगाम की खूबसूरती का लुत्फ उठाने आए थे। खबरों के मुताबिक, इस हमले में अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 20 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। इस हमले की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर भारत लौटना पड़ा। आतंकियों ने इस हमले में एक खतरनाक हथियार का इस्तेमाल किया, जिससे मासूमों पर गोलियां बरसाई गईं। आइए, आपको बताते हैं कि इस हमले में कौन सा हथियार यूज हुआ और क्यों आतंकी इसकी तरफ सबसे ज्यादा आकर्षित होते हैं।

AK-47: आतंकियों का पसंदीदा हथियार

पहलगाम में हुए इस भयानक हमले में आतंकियों ने AK-47 राइफल का इस्तेमाल किया। जी हां, वही AK-47, जो एक असॉल्ट राइफल है और बेहद खतरनाक मानी जाती है। इस हमले में आतंकियों ने इसी हथियार से लोगों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। आपको जानकर हैरानी होगी कि ज्यादातर आतंकी संगठन हमलों के लिए AK-47 का ही इस्तेमाल करते हैं।

लेकिन सवाल ये है कि आखिर ये राइफल आतंकियों की फेवरेट क्यों है? दरअसल, AK-47 सस्ती होती है, इसे चलाना बेहद आसान है और ये बहुत भरोसेमंद भी है। ये हथियार शायद ही कभी खराब होता हो। साथ ही, आतंकियों को ये आसानी से मिल भी जाता है। यही वजह है कि बड़े-बड़े आतंकी हमलों में AK-47 का इस्तेमाल देखने को मिलता है।

क्या है AK-47 की खासियत?

AK-47 का पूरा नाम है Automatic Kalashnikov-47। इसे साल 1947 में Mikhail Kalashnikov ने डिजाइन किया था। अगर इसकी खासियत की बात करें तो ये राइफल एक बार में 30 गोलियां लोड कर सकती है। इसकी गोलियों की स्पीड 710 मीटर प्रति सेकंड होती है। इतना ही नहीं, ये राइफल एक मिनट में 600 राउंड फायर कर सकती है। वजन में भी ये काफी हल्की होती है, जिससे इसे आसानी से कैरी किया जा सकता है।

सबसे बड़ी बात, AK-47 दुनिया में सबसे ज्यादा अवैध रूप से बिकने वाली राइफल है। इसका रखरखाव भी ज्यादा नहीं करना पड़ता। बिना किसी खास मेंटेनेंस के भी ये राइफल लंबे वक्त तक चलती रहती है। यही वजह है कि आतंकी इस हथियार को अपने हमलों के लिए सबसे पहले चुनते हैं।

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