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पहलगाम हमले पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर बड़ी कार्रवाई, विधायक समेत 19 लोग दबोचे गए

पहलगाम हत्याकांड के बाद भड़काऊ पोस्ट डालने पर 19 गिरफ्तार, एक विधायक, शिक्षक और छात्र भी शामिल। पुलिस सख्त।
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष हिंदू पर्यटकों की नृशंस हत्या के बाद देश भर में गुस्सा फैला हुआ है। लेकिन इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने आतंकियों की तारीफ करते हुए भड़काऊ पोस्ट डालकर आग में घी डालने का काम किया। नतीजा यह हुआ कि असम से लेकर त्रिपुरा तक पुलिस ने 19 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें एक विधायक, रिटायर्ड शिक्षक और कई छात्र शामिल हैं। ये सभी पहलगाम हमले को जायज ठहराने, पाकिस्तान की तारीफ करने या मृतकों के लिए अपमानजनक टिप्पणियां करने के आरोप में हिरासत में लिए गए हैं।

विधायक से लेकर छात्र तक कोई नहीं बक्शा

असम में सबसे पहले AIUDF विधायक अमीनुल इस्लाम ने विवादित बयान दिया। उन्होंने पहलगाम हमले को "सरकार की साजिश" बताया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसी तरह करीमगंज के एक युवक ने "पाकिस्तान जिंदाबाद" लिखा तो पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया।

वहीं त्रिपुरा में दो रिटायर्ड शिक्षकों को गिरफ्तार किया गया, जिन पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर भारत विरोधी टिप्पणियां कीं। मध्य प्रदेश के दमोह में दो युवकों ने फेसबुक पर आतंकियों का समर्थन किया, जिसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ।

"पाकिस्तान जिंदाबाद" लिखने वालों की हालत खराब

झारखंड के बोकारो में एक युवक ने लश्कर-ए-तैयबा की तारीफ करते हुए पोस्ट डाली, जिसमें पहलगाम हमले को "इस्लाम की जीत" बताया गया था। पुलिस ने उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया। मेघालय में एक व्यक्ति ने मृतक पर्यटकों के लिए अशोभनीय टिप्पणी की, जिसके बाद उसे भी जेल भेज दिया गया। असम के कई छात्रों ने भी सोशल मीडिया पर भारत विरोधी नारे लगाए, जिसके चलते उन्हें हिरासत में लिया गया।

पुलिस की सख्त निगरानी, कोई नहीं बचेगा

पहलगाम हमले के बाद से ही देश भर की पुलिस और साइबर सेल ने सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखी है। दमोह पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने बताया कि जो भी व्यक्ति धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली पोस्ट करेगा, उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे संवेदनशील मुद्दों पर सोच-समझकर टिप्पणी करें, नहीं तो कानूनी कार्रवाई से कोई नहीं बच पाएगा।

क्या कहता है मामले पर कानून?

गिरफ्तार किए गए लोगों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A (सांप्रदायिक नफरत फैलाना) और धारा 295A (धार्मिक भावनाएं आहत करना) के तहत केस दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धारा 66 के तहत भी आरोपियों को सजा हो सकती है। अगर आरोप साबित होते हैं, तो उन्हें जेल की सजा भी हो सकती है।

सोशल मीडिया पर लिखें सोच-समझकर

पहलगाम हमले के बाद देश में तनाव का माहौल है। ऐसे में सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वाले लोग न केवल कानून के शिकंजे में फंस रहे हैं, बल्कि देश की शांति को भी खतरे में डाल रहे हैं। पुलिस ने चेतावनी दी है कि ऐसे मामलों में कोई रियायत नहीं दी जाएगी। अगर आपके आसपास भी कोई ऐसी गतिविधि देखें, तो साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) पर रिपोर्ट करें। याद रखें, आपकी एक गलत पोस्ट आपको जेल पहुंचा सकती है!

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