पहलगाम हमला: मुस्लिम संगठनों का आंदोलन बैकफुट पर, क्या वक्फ कानून की लड़ाई पर लगा ब्रेक?
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने बैसरन घाटी में 28 पर्यटकों को बेरहमी से मार डाला। आतंकियों ने धर्म के आधार पर हिंदुओं को निशाना बनाया। पर्यटकों के नाम पूछे, कलमा और अजान सुनाने को कहा और न सुनाने या पकड़े जाने पर गोलियां बरसाईं। आतंक के इस नरसंहार ने पूरे देश को झकझोर दिया। भारत ने इसका कड़ा जवाब देते हुए सिंधु जल संधि स्थगित, अटारी बॉर्डर बंद, और पाकिस्तानी वीजा रद्द जैसे फैसले लिए। वहीं पाकिस्तान ने भी बौखलाकर भारतीय फ्लाइट्स के लिए एयरस्पेस बंद कर दिया।” लेकिन इस हमले का एक और असर दिखा कि वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिम संगठनों का आंदोलन ठंडा पड़ गया।
आंदोलन पर ब्रेक के साथ मुस्लिम संगठन बैकफुट पर
पहलगाम हमले ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) और जमियत उलेमा-ए-हिंद जैसे संगठनों को चिंता में डाल दिया है। AIMPLB ने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ अपने विरोध प्रदर्शन को तीन दिन के लिए रोक दिया। प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि हम शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं, इसलिए अभियान अस्थायी रूप से स्थगित किया।
जमियत उलेमा-ए-हिंद को डर है कि यह हमला उनकी लड़ाई को कमजोर कर सकता है। हमले के धार्मिक एंगल ने माहौल को सांप्रदायिक रंग दे दिया है, जिससे मुस्लिम संगठनों का नैरेटिव कमजोर पड़ रहा है। वहीं X पर लोग #PahalgamTerroristAttack के साथ हमले की निंदा और एकजुटता की बात कर रहे हैं।
वक्फ आंदोलन की रणनीति क्या?
AIMPLB ने वक्फ कानून को “संविधान विरोधी” बताकर सुप्रीम कोर्ट से सड़क तक आंदोलन छेड़ा था। ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ अभियान के तहत 87 दिन तक एक करोड़ हस्ताक्षर जुटाने और PM मोदी को सौंपने की योजना थी। 30 अप्रैल को ‘ब्लैकआउट’ और 7 मई को रामलीला मैदान में रैली की तैयारी थी।
किसान आंदोलन की तर्ज पर मुस्लिम संगठनों को हिंदू बुद्धिजीवियों और विपक्षी नेताओं का समर्थन मिल रहा था। लेकिन पहलगाम हमले ने इस जोश को ठंडा कर दिया। हमले में आतंकियों द्वारा हिंदुओं को निशाना बनाने से हिंदू समुदाय का समर्थन अब मुश्किल लग रहा है।
क्या कमजोर पड़ेगी वक्फ की लड़ाई?
हमले के धार्मिक पैटर्न ने देश में तनाव बढ़ाया। इंडियन मुस्लिम फॉर प्रोग्रेसिव एंड रिफॉर्म के एमजे खान ने कहा, “आतंकी हिंदू-मुस्लिम नफरत फैलाना चाहते हैं, इसमें आम मुस्लिमों का कोई रोल नहीं।” फिर भी, मुस्लिम संगठन निशाने पर हैं। AIMIM ने भी तीन दिन के लिए आंदोलन रोका। मुस्लिम उलेमाओं को लगता है कि हमले ने सामाजिक समर्थन को झटका दिया, जिससे वक्फ कानून के खिलाफ लड़ाई कमजोर पड़ सकती है। PM मोदी ने कहा, “आतंकियों को ऐसी सजा देंगे, जो वे सोच भी नहीं सकते।” भारत का अगला कदम सर्जिकल स्ट्राइक हो या कूटनीतिक दबाव यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन वक्फ आंदोलन की रफ्तार पर फिलहाल ब्रेक लग गया है।
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