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ओडिशा में लिथियम भण्डार होने के मिले संकेत, GSI के वरिष्ठ अधिकारी ने दी जानकारी

GSI ने हाल ही में ओडिशा के कुछ जिलों में लिथियम के भंडार होने के संकेत पाए हैं। GSI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
11:22 AM Jan 20, 2025 IST | Vyom Tiwari

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के एक हालिया अध्ययन में ओडिशा के कुछ जिलों में लिथियम होने के संकेत मिले हैं। यह जानकारी जीएसआई के वरिष्ठ अधिकारी पंकज कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि अगर यह धातु यहां पाई जाती है, तो इससे राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की फैक्ट्रियों की स्थापना का रास्ता खुल सकता है।

लिथियम एक खास धातु है, जिसका उपयोग बैटरी, सीसा और एल्युमीनियम उत्पाद बनाने में किया जाता है। पंकज कुमार ने कहा, "अभी यह शुरुआती चरण है, इसलिए कोई पक्की बात कहना मुश्किल है। लेकिन, नयागढ़ जैसे पूर्वी घाट क्षेत्रों में लिथियम की मौजूदगी के कुछ संकेत मिले हैं।"

गौरतलब है कि इससे पहले कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर में भी लिथियम के भंडार मिले हैं। यह खोज भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को नई ऊर्जा दे सकती है।

ओडिशा में खनिज भंडारों का सर्वेक्षण अब ड्रोन और एआई से होगा 

सोमवार से कोणार्क में शुरू हो रहे दो-दिवसीय राष्ट्रीय खान मंत्रियों के सम्मेलन से पहले पंकज कुमार ने जीएसआई की बैठक के दौरान जानकारी दी। इस दौरान केंद्रीय खान सचिव वीएल कांता राव ने बताया कि ओडिशा में खनिज भंडारों का सर्वेक्षण अब ड्रोन और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक से काम तेज और आसान हो गया है। प्रायोगिक तौर पर भारत में दो परियोजनाएं शुरू की गई हैं—एक राजस्थान में और दूसरी ओडिशा के मयूरभंज जिले में। साथ ही, उन जिलों में खनिज सर्वेक्षण गतिविधियां बढ़ाई जाएंगी, जहां कई सालों से खनन कार्य बंद पड़ा है। कांता राव ने यह भी कहा कि ओडिशा का खनन मॉडल पूरे देश के लिए एक मिसाल बन गया है।

ओडिशा भारत के कुल खनिज उत्पादन में लगभग 50% योगदान

केंद्रीय खान सचिव वीएल कांता राव ने कहा कि खान मंत्रियों का सम्मेलन देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ओडिशा भारत के कुल खनिज उत्पादन में लगभग 50% योगदान देता है। उन्होंने यह बात केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड (CGPI) की 64वीं बैठक के दौरान कही। उन्होंने मंच की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह सहयोग बढ़ाने और भूविज्ञान के क्षेत्र को आगे बढ़ाने में अहम है।

राव, जो बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, ने खान मंत्रालय की प्रमुख पहलों पर चर्चा की। उन्होंने ‘क्रिटिकल मिनरल मिशन’ और अपतटीय खनन से जुड़ी हाल की बजटीय घोषणाओं को खास बताया। इसके अलावा, उन्होंने 2024-25 में अब तक 24 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक की सफल नीलामी की जानकारी दी और अनुसंधान और विकास परियोजनाओं के लिए एनएमईटी फंड का इस्तेमाल करने की अपील की।

 

 

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