Nagpur Violence पर बड़ा खुलासा: मास्टरमाइंड निकला फहीम शमीम खान, महिला पुलिसकर्मियों के साथ हुई थी छेड़खानी
Nagpur violence Mastermind: नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा ने पूरे महाराष्ट्र को हिलाकर रख दिया है। अब इस मामले (aurangzeb tomb row) में सबसे बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के शहर अध्यक्ष फहीम शमीम खान को हिंसा का मास्टरमाइंड बताया गया है। पुलिस की FIR से यह भी सामने आया है कि भीड़ ने अंधेरे का फायदा उठाकर महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़खानी की कोशिश की। हिंसा के बाद शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू जारी है, और महाराष्ट्र ATS ने भी मामले की समांतर जांच शुरू कर दी है।
नागपुर हिंसा को कैसे भड़काया फहीम ने?
नागपुर के गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR के अनुसार, फहीम शमीम खान ने हिंसा को भड़काने के लिए सुनियोजित तरीके से 50 से 60 लोगों की भीड़ को पुलिस स्टेशन के बाहर इकट्ठा किया। इसके बाद शाम 4 बजे छत्रपति शिवाजी पुतले के पास 400 से 500 लोगों को जुटाकर दंगा भड़काने की साजिश रची गई। पुलिस का कहना है कि फहीम ने धार्मिक उन्माद फैलाने और सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश की, जिसके चलते हिंसा भड़क उठी।
महिला पुलिसकर्मियों के साथ हुई थी छेड़खानी
FIR में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने अंधेरे का फायदा उठाकर महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़खानी की कोशिश की। भीड़ ने न सिर्फ पुलिस पर हमला किया, बल्कि महिला पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर उनकी वर्दी और शरीर पर हाथ डालने की कोशिश की। इस घटना ने पुलिस बल के मनोबल को तोड़ने की साजिश को उजागर किया है।
ATS कर रही है लगातार जांच
हिंसा के 36 घंटे बाद भी नागपुर के कई इलाकों में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। भालदारपुरा चौक, अग्रसेन चौक, सेवा सदन चौक और हंसपुरी रोड जैसे क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू है। पुलिस के साथ-साथ महाराष्ट्र ATS भी इस मामले की समांतर जांच कर रही है। ATS यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह हिंसा पहले से सुनियोजित थी और इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र तो नहीं था।
वहीं पुलिस के अनुसार, भीड़ ने कुल्हाड़ी, पत्थर, लाठियां और अन्य खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल किया। उपद्रवियों ने हथियारों को हवा में लहराकर इलाके में आतंक फैलाने की कोशिश की। इसके साथ ही, पेट्रोल बम तैयार कर पुलिस पर फेंके गए, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस हिंसा का मकसद धार्मिक दुश्मनी को बढ़ावा देना और सामाजिक तनाव पैदा करना था।
पुलिस की कार्रवाई और FIR
हिंसा के बाद पुलिस ने सख्त कदम उठाए हैं। औरंगजेब के विरोध में प्रदर्शन करने वाले 9 लोगों के खिलाफ FIR नंबर 114/25 दर्ज की गई है, जिसमें भा. न्याय संहिता की धारा 223, 37(1), 37(3), और 135 के तहत कार्रवाई की गई है। इसके अलावा, हिंसा में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। पुलिस ने भीड़ को शांति बनाए रखने की चेतावनी दी थी, लेकिन उपद्रवियों ने इसे अनसुना कर दिया।
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