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मुंबई बैंक घोटाला: EOW ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व सीईओ अभिमन्यु भोंन को गिरफ्तार किया

मुंबई बैंक घोटाला: EOW ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व सीईओ अभिमन्यु भोंन को गिरफ्तार किया। जानें पूरी खबर।
03:01 AM Feb 22, 2025 IST | Girijansh Gopalan
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मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने बड़ी कार्रवाई की है। EOW ने बैंक के पूर्व सीईओ अभिमन्यु भोंन को गिरफ्तार कर लिया है। यह इस मामले में तीसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले बैंक के महाप्रबंधक हितेश मेहता और डेवलपर धर्मेश पौन को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। अभिमन्यु भोंन को गुरुवार और शुक्रवार को EOW ने अपना बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था। बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद से यह माना जा रहा है कि बैंक घोटाले में भोंन की भी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

क्या है न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला?

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है। बैंक के महाप्रबंधक हितेश मेहता पर आरोप है कि उन्होंने बैंक की तिजोरी से इस रकम का दुरुपयोग किया। यह मामला तब सामने आया जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक का निरीक्षण किया। RBI ने बैंक में गड़बड़ी पाए जाने के बाद छह महीने का बैन लगा दिया है। इसके बाद से बैंक के बाहर खाताधारकों की लंबी लाइन लग गई। कई लोगों का पैसा और सोना बैंक में फंसा हुआ है, जिसे लेकर वे काफी परेशान हैं।

तीनों आरोपियों को 28 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेजा गया

इस मामले में EOW ने शुक्रवार को तीनों आरोपियों- अभिमन्यु भोंन, हितेश मेहता और धर्मेश पौन को कोर्ट में पेश किया। अदालत ने तीनों को 28 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले अदालत ने हितेश मेहता और धर्मेश पौन को पुलिस कस्टडी में भेजा था, जिसका आज आखिरी दिन था। EOW लगातार आरोपियों से पूछताछ कर रहा है और 122 करोड़ रुपए के घोटाले की उलझी कड़ी को सुलझाने में जुटा हुआ है। जांच में यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि बैंक से जो नकदी धीरे-धीरे निकाली गई, उसे कहां खर्च किया गया और इसके पीछे आरोपियों की क्या मंशा थी।

बैंक घोटाले में क्या है अभिमन्यु भोंन की भूमिका?

अभिमन्यु भोंन न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व सीईओ हैं। EOW की जांच के मुताबिक, भोंन ने बैंक के महाप्रबंधक हितेश मेहता और डेवलपर धर्मेश पौन के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया। बैंक की तिजोरी से 122 करोड़ रुपए की नकदी धीरे-धीरे निकाली गई और इसका दुरुपयोग किया गया।
भोंन की गिरफ्तारी के बाद से यह माना जा रहा है कि वह इस घोटाले में अहम भूमिका निभा सकते हैं। EOW अब उनसे पूछताछ कर रहा है और घोटाले के बारे में और जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहा है।

बैंक के खाताधारकों की मुश्किलें बढ़ीं

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में घोटाले का मामला सामने आने के बाद से बैंक के खाताधारकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। RBI ने बैंक पर छह महीने का बैन लगा दिया है, जिसके बाद से बैंक के बाहर खाताधारकों की लंबी लाइन लग गई है।कई लोगों का पैसा और सोना बैंक में फंसा हुआ है, जिसे लेकर वे काफी परेशान हैं। बैंक के खाताधारकों ने सरकार और RBI से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है।

EOW की जांच: क्या है अगला कदम?

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) इस मामले में लगातार जांच कर रही है। EOW का मकसद है कि घोटाले की सभी उलझी कड़ियों को सुलझाया जाए और आरोपियों को सजा दिलाई जाए।जांच में यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि बैंक से निकाली गई नकदी का इस्तेमाल कहां किया गया और इसके पीछे आरोपियों की क्या मंशा थी। EOW अब तीनों आरोपियों से पूछताछ कर रहा है और जल्द ही इस मामले में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।

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