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MP Akankshi Yuva: मध्य प्रदेश में बेरोजगार युवा कहलाएंगे 'आकांक्षी युवा', क्या नाम बदलने से बदलेंगे हालात!

MP Akankshi Yuva: मध्य प्रदेश सरकार ने अब नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को 'आकांक्षी युवा' नाम दिया है। लेकिन, इस पर सियासत तेज हो गई।
04:55 PM Mar 27, 2025 IST | Pushpendra Trivedi

MP Akankshi Yuva: मध्य प्रदेश सरकार ने अब नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को 'आकांक्षी युवा' नाम दिया है। लेकिन, विधानसभा में सरकार के जवाब के मुताबिक, उनके पास बेरोज़गारों की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। हालांकि, प्रदेश के रोज़गार पोर्टल पर नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले युवा ही सरकार की नजर में नौकरी के आकांक्षी हैं। इस पोर्टल पर 30 लाख से अधिक युवा नौकरी की उम्मीद में आवेदन कर चुके हैं, जिनमें से अधिकांश शिक्षित हैं।

बेरोजगारों की तादात बड़ी

मध्य प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। लाखों युवा नौकरी की उम्मीद में सरकार की ओर देख रहे हैं। राज्य सरकार ने यह वादा किया था कि आने वाले सालों में लाखों नौकरियां दी जाएंगी लेकिन इसके उलट बेरोजगारों की तादात में इजाफा होता जा रहा है। रोजगार कार्यालय, रोजगार मेले और एमपी रोजगार पोर्टल पर बेरोजगारों को अब आकांक्षी युवा नाम दिया गया। लेकिन, सवाल यह है कि क्या नाम बदलने से समस्या का समाधान हो गया? पढ़े-लिखे युवा बे-मन से कम सैलरी में नौकरी करने को मजबूर हैं।

सरकारी छोड़ो, प्राइवेट में भी मारामारी

भोपाल के रहने वाले एक युवा ने ग्रेजुएशन पूरा करके कई वर्षों तक नौकरी की तलाश की। लेकिन, हर बार असफलता हाथ लगी। उनका कहना है कि सरकारी तो छोड़िए, प्राइवेट सेक्टर में भी अच्छा वेतन नहीं मिल रहा है। नौकरी नहीं मिलने की वजह से कई युवाओं ने फूड डिलीवरी का काम चुना, जहां 10,000 तक बड़ी मुश्किल से कमा पाते हैं। लाखों युवा परेशान होकर यहां-वहां भटक रहे हैं। उन्हें जॉब के लिए या तो अपना शहर छोड़कर कहीं दूसरी जगह शिफ्ट होना पड़ता है या फिर कम में ही गुजारा कर रहना पड़ता है। बाहर नौकरी करने वालों की भी यही शिकायत है कि कुछ ज्यादा कमाई नहीं हो पाती। खाने और रहने में ही काफी निकल जाता है।

बेरोजगारी ने तोड़ी कमर

खुरई के नरेंद्र ने बी.कॉम की पढ़ाई तो पूरी कर ली लेकिन अब नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं। वे भोपाल में नौकरी खोज रहे हैं और इससे पहले इंदौर में भी कोशिश कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि वे यह सोचकर घर से निकले थे कि बड़े शहर में अच्छी खासी सैलरी मिल जाएगी, लेकिन हालात इससे भी खराब हो गए। वेतन कम होने की वजह से घर वालों ने भी ताना मारा। यह कहानी सिर्फ नरेंद्र की नहीं बल्कि इसके जैसे कई युवाओं की है, जो रोजगार के लिए एक शहर से दूसरे शहर भटकते फिर रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या पोर्टल का नाम बदलने से परेशानी दूर हो जाएगी? विधानसभा में सरकार के जवाब के अनुसार, सरकार के पास तो बेरोजगारों की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। क्या सरकार के पास इन आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त अवसर हैं?

मध्य प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी अब राजनीतिक बहस का विषय बन गई है। बीजेपी सरकार जहां युवाओं को 'आकांक्षी' बताकर अपनी नीतियों का बचाव कर रही है, वहीं कांग्रेस इसे सिर्फ शब्दों का खेल करार दे रही है। बीजेपी का दावा है कि सरकार रोजगार के नए अवसर पैदा कर रही है। वहीं, कांग्रेस का आरोप है कि सरकार के पास बेरोजगारों की सही जानकारी नहीं है। इस मुद्दे पर राजनीति गर्मा गई है।

नेता प्रतिपक्ष ने भी दिया बयान

एमपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार रोजगार के नाम पर युवाओं से झूठ बोल रही है। उन्होंने कहा कि जहां जाओ वहां बेरोजगारी देखने को मिलती है। इतनी बेरोजगारी क्यों हो रही है, इसका सरकार के पास कोई जवाब नहीं हैं। युवाओं के लिए सरकार कोई रोजगार सृजित नहीं कर पा रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्हें जवाब देना होगा। नीतियों के गुणगान करने से कुछ नहीं होगा। प्रदेश का हर वर्ग का युवा परेशान है।

बीजेपी मंत्री ने दिया जवाब

प्रदेश के कौशल विकास एवं रोजगार विभाग मंत्री गौतम टेटवाल ने कहा कि हम इनको बेरोजगार नहीं बल्कि आकांक्षी युवा इसलिए कहते हैं कि उन्हें नौकरी की आकांक्षा है। मंत्री बोले कि उनकी सरकार रोजगार देने का प्रयास कर रही है। जितने भी पंजीयन पोर्टल पर आते हैं। हम उनको रियल टाइम अपडेट करते हैं। बेरोजगारी पर तकरार तेज होती जा रही है। कांग्रेस ने भी बीजेपी को इस मामले में घेरना स्टार्ट कर दिया है।

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