मोहाली में मोमोज फैक्ट्री से मिला कुत्ते का कटा हुआ सिर, कई किलो सड़ा चिकन जब्त
पंजाब के मोहाली में एक मोमोज फैक्ट्री से कुत्ते का कटा हुआ सिर मिलने से हड़कंप मच गया है। इसके अलावा, फैक्ट्री से 60 किलो बदबूदार फ्रोजन चिकन भी जब्त किया गया है। यह मामला तब सामने आया, जब स्थानीय लोगों ने फैक्ट्री का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया। इस वीडियो में फैक्ट्री के अंदर की गंदगी और सड़ी-गली सब्जियां साफ नजर आ रही थीं।
फ्रिज से मिला कुत्ते का सिर
सोमवार, 17 मार्च को हेल्थ और नगर निगम की टीमों ने मोहाली के गांव मटौर में एक सर्च अभियान चलाया। इस दौरान उन्हें फैक्ट्री के फ्रिज से कुत्ते का कटा हुआ सिर मिला। मोहाली के असिस्टेंट फूड सेफ्टी कमिश्नर डॉ. अमृत वारिंग ने बताया कि फैक्ट्री चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस को सूचित किया गया है।
उन्होंने कहा, "मोमोज और स्प्रिंग रोल बनाने वाली इस फैक्ट्री की जांच की जा रही है, ताकि पता लगाया जा सके कि कुत्ते का मांस इस्तेमाल किया गया था या नहीं। कुत्ते का सिर जांच के लिए पशु चिकित्सा विभाग को भेजा गया है। साथ ही, मोमोज, स्प्रिंग रोल और चटनी के नमूने भी जांच के लिए भेजे गए हैं।"
60 किलो सड़ा हुआ चिकन जब्त
मोहाली के जिला स्वास्थ्य अधिकारी (DHO) ने 16 और 17 मार्च को मटौर और आसपास के इलाकों में छापेमारी की। यह छापेमारी स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद की गई। इस दौरान फैक्ट्री से 60 किलो सड़ा हुआ फ्रोजन चिकन और एक क्रशर मशीन भी बरामद की गई। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री चलाने वाले नेपाल के लोग हैं।
सिविल सर्जन ने क्या कहा?
मोहाली की सिविल सर्जन डॉ. संगीता जैना ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा, "हमने कार्रवाई शुरू कर दी है और फैक्ट्री के मालिक और विक्रेताओं दोनों के बारे में डिप्टी कमिश्नर (DC) और पुलिस को सिफारिशें दी हैं। लिखित रिपोर्ट जमा होने के बाद, हम आगे की कार्रवाई करेंगे।"
क्या कुत्ते का मांस मोमोज में इस्तेमाल हुआ?
अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि कुत्ते का मांस मोमोज में इस्तेमाल किया गया था या फैक्ट्री में काम करने वाले कारीगरों ने खाया। यह जांच के बाद ही पता चलेगा। हालांकि, इस मामले ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है, क्योंकि इस फैक्ट्री में बनने वाले मोमोज शहर भर के स्ट्रीट वेंडर्स को दिए जाते थे।
स्थानीय लोगों ने क्या कहा?
स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्हें लंबे समय से इस फैक्ट्री पर शक था। एक व्यक्ति ने कहा, "हमने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जब हमने सोशल मीडिया पर वीडियो डाला, तब जाकर प्रशासन हरकत में आया।"
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