Modi Sri Lanka Visit: रामनवमी पर पीएम मोदी ने किया रामसेतु के दर्शन, श्रीलंका दौरे में हुए 7 बड़े समझौते
Modi Sri Lanka Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का श्रीलंका का तीन दिवसीय दौरा रविवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा, ऊर्जा, डिजिटलीकरण और रेलवे जैसे क्षेत्रों में सहयोग को लेकर सात अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। पीएम मोदी ने इस यात्रा को ‘अत्यंत सार्थक’ बताया और द्विपक्षीय संबंधों में एक नए युग की शुरुआत करार दिया।
रामसेतु के दर्शन का दिव्य संयोग
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा सिर्फ राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी खास रही। श्रीलंका से लौटते समय जब प्रधानमंत्री का विमान रामेश्वरम के ऊपर से गुजर रहा था, उस समय उन्होंने आकाश से ‘श्री रामसेतु’ के दर्शन किए। यह संयोग और भी विशेष हो गया क्योंकि उसी क्षण अयोध्या में प्रभु श्रीराम का सूर्य तिलक हो रहा था। पीएम मोदी ने इस अनुभव का वीडियो अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा किया और लिखा:
“कुछ समय पहले श्रीलंका से लौटते समय मुझे राम सेतु के दर्शन करने का सौभाग्य मिला और एक दिव्य संयोग की बात है कि यह उसी समय हुआ, जब अयोध्या में श्रीरामलला का सूर्य तिलक हो रहा था। दोनों के दर्शन करके धन्य हो गया। प्रभु श्री राम हम सभी को जोड़ने वाली शक्ति हैं। उनकी कृपा हम सभी पर सदैव बनी रहे।”
श्रीलंका के साथ सात महत्वपूर्ण समझौते
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान भारत और श्रीलंका के बीच जिन सात समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, उनमें रक्षा सहयोग, ऊर्जा साझेदारी, सौर ऊर्जा विकास, रेलवे नेटवर्क विस्तार, डिजिटल कनेक्टिविटी, समुद्री सुरक्षा और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने जैसे अहम पहलू शामिल हैं।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने थाईलैंड में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में कदम रखा, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “मित्र विभूषण” से सम्मानित किया।
द्विपक्षीय रिश्तों को नई दिशा
प्रधानमंत्री मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति के बीच हुई व्यापक बातचीत में क्षेत्रीय सुरक्षा, आपसी सहयोग और साझा सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने पर जोर दिया गया। मोदी ने इस दौरान स्पष्ट कहा कि भारत हमेशा श्रीलंका के साथ खड़ा रहेगा और दोनों देशों की सुरक्षा एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अनुराधापुर जैसे ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा ने उन्हें भारत-श्रीलंका के सांस्कृतिक संबंधों की गहराई का अनुभव कराया।
राष्ट्रपति दिसानायके ने भी भरोसा दिलाया कि श्रीलंका अपने क्षेत्र का इस्तेमाल कभी भी भारत के खिलाफ नहीं होने देगा और दोनों देशों के बीच विश्वास तथा सहयोग की भावना को प्राथमिकता दी जाएगी।
35 साल पुरानी कड़वाहट को पीछे छोड़ा
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा उस ऐतिहासिक मोड़ पर आया है, जब लगभग 35 साल पहले भारतीय शांति सेना की श्रीलंका से वापसी के कड़वे अध्याय की स्मृति अब पीछे छूटती नजर आ रही है। आज दोनों देशों के बीच परस्पर विश्वास, रणनीतिक साझेदारी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की नई नींव रखी जा चुकी है। यह यात्रा भारत और श्रीलंका के रिश्तों को एक नई ऊंचाई तक ले जाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
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