mehbooba mufti waqf: वक्फ कानून को लेकर उमर अब्दुल्ला पर भड़कीं महबूबा मुफ्ती, सरकार पर फूटा गुस्सा
Mehbooba Mufti Waqf: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून को लेकर माहौल गरमाया गया। सोमवार (7 अप्रैल) को मामला इतना बढ़ गया कि कांग्रेस और बीजेपी के विधायकों के बीच धक्का-मुक्की तक हो गई और नौबत हाथापाई तक आ गई। इस पर पूर्व सीएम और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती की प्रतिक्रिया सामने आई।
पूरे मुल्क में मुसलमानों का हाल बुरा है- मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आज जो कुछ जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हुआ, उससे मेरा मन दुखी है। पूरे मुल्क में मुसलमानों का हाल बेहाल है। एनआरसी और CAA कानून लाए गए। इससे भी मन नहीं पसीजा तो वक्फ का सहारा भी मुसलमानों से छीन लिया गया। उन्होंने कहा कि अब मुसलमानों को कब्रिस्तान भी नसीब नहीं होगा। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुझे डर है कि घर वापसी के तहत मुसलमानों को भी कब्रिस्तान के अभाव में शव जलाने को मजबूर किया जाएगा।
It’s profoundly disappointing that the speaker J&K Assembly has rejected the motion on the Waqf Bill. Despite securing a strong mandate, the government appears to have completely yielded to the BJP’s anti-Muslim agenda, cynically attempting to appease both sides. The National…
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) April 7, 2025
पीडीपी चीफ ने आगे कहा, "जम्मू कश्मीर मुस्लिम बहुल राज्य होने के बावजूद भी यहां कि सरकार ने कुछ नहीं किया। फारूक साहब को ऑल पार्टी मीटिंग बुलानी चाहिए थी। हम भी दिल्ली जाकर देश भर के मुसलमानों के साथ बात करते। इसके उलट उमर अब्दुल्ला उस मंत्री के साथ ट्यूलिप गार्डन में जी-हुजूरी करते दिखे, जिन्होंने मुसलमानो के गल्ले पर वक्फ बिल की छुरी रखी।"
मैं देश के मुसलमानों से माफी मांग रही हूं- मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती ने ये भी कहा, "मैं शर्मिंदा होकर देश के मुसलमानों से माफ़ी मांग रही हूं कि हम दो देशी नजरिए को नकारने वाले मुसलमानों की बात नहीं कर पाए। कश्मीर ने ऑपरेशन ब्लू स्टार पर हड़ताल की तो क्या आज मुसलमानों के लिए खड़े नहीं हो सकते थे?" महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर लिखा, "यह बहुत निराशाजनक है कि जम्मू और कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष ने वक्फ बिल पर प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
मजबूत जनादेश हासिल करने के बावजूद, सरकार पूरी तरह से भाजपा के मुस्लिम विरोधी एजेंडे के सामने झुकी दिखाई देती है। यह दोनों पक्षों को खुश करने की निंदनीय कोशिश कर रही है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) तमिलनाडु की सरकार से सीख ले सकती है, जिसने वक्फ बिल का डटकर विरोध किया। जम्मू और कश्मीर एकमात्र मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। इसमें यह चिंता का विषय है कि एक कथित रूप से जन-केंद्रित सरकार के पास इस अहम मुद्दे पर बहस करने का भी साहस नहीं है।"
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