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मणिपुर: कुकी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच क्यों बढ़ रहा है टकराव?

मणिपुर में कुकी जनजाति ‘फ्री मूवमेंट’ के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है, अलग प्रशासन की मांग कर रही है, जबकि मैतेई समुदाय इसका विरोध कर रहा है।
05:24 PM Mar 08, 2025 IST | Rohit Agrawal

Manipur Free Movement: मणिपुर में कुकी जनजाति के प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पें (Manipur Violence) हो रही हैं। यह स्थिति तब और गंभीर हो गई है जब कुकी समुदाय ने ‘फ्री मूवमेंट’ (स्वतंत्र आवाजाही) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे फ्री मूवमेंट को स्वीकार नहीं करेंगे। यह संघर्ष मणिपुर में जारी जातीय तनाव और राजनीतिक अस्थिरता का एक नया अध्याय है।

क्या है मामला?

मणिपुर में कुकी जनजाति के लोगों ने सुरक्षा बलों की निगरानी में चल रही बसों का विरोध किया है। ये बसें इंफाल से 45 किलोमीटर दूर कांगपोकपी के लिए चल रही हैं, जो कुकी बहुल इलाका है। कुकी समुदाय की महिलाओं ने इन बसों को रोकने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस झड़प में कई महिलाएं घायल हो गईं। कुकी समुदाय का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे फ्री मूवमेंट को स्वीकार नहीं करेंगे।

कुकी समुदाय की मांगें क्या हैं?

कुकी जनजाति के नेताओं और उनके प्रमुख संगठनों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि उन्हें मणिपुर में एक अलग प्रशासनिक व्यवस्था दी जाए। उनका कहना है कि वे मणिपुर से अलग होकर एक स्वायत्त क्षेत्र चाहते हैं, जिसे वे ‘कुकीलैंड’ कहते हैं। कुकी नेताओं का दावा है कि वे 1946-47 से ही इस मांग को लेकर संघर्ष (Manipur Violence) कर रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे फ्री मूवमेंट को स्वीकार नहीं करेंगे।

मैतेई समुदाय का क्या कहना है?

मणिपुर के प्रमुख समुदाय मैतेई ने कुकी समुदाय की मांगों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि कुकी समुदाय मणिपुर से अलग होकर ‘कुकीलैंड’ बनाने की कोशिश कर रहा है। मैतेई नेताओं ने यह भी सवाल उठाया है कि कुकी समुदाय द्वारा विस्थापित लोगों को उनके घर लौटने और जीवन फिर से शुरू करने पर क्यों धमकाया जा रहा है। उनका मानना है कि बातचीत के जरिए इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।

हिंसा की वजह क्या है?

मणिपुर में मई 2023 से ही कुकी और मैतेई समुदाय के बीच जातीय संघर्ष (Manipur Violence) चल रहा है। इस संघर्ष में अब तक 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और लगभग 50,000 लोग विस्थापित हो चुके हैं। यह संघर्ष भूमि अधिकार, राजनीतिक प्रतिनिधित्व और स्वायत्तता जैसे मुद्दों पर केंद्रित है। कुकी समुदाय का कहना है कि उन्हें मणिपुर में समान अधिकार और प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है, जबकि मैतेई समुदाय का आरोप है कि कुकी समुदाय मणिपुर से अलग होकर एक अलग राज्य बनाने की कोशिश कर रहा है।

सरकार की क्या भूमिका है?

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है और केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सड़कों पर किसी भी तरह की रुकावट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार का कहना है कि वह हिंसा को रोकने और शांति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, कुकी समुदाय का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है।

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