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महाकुंभ:संगम में कल आस्था की डुबकी लगाएंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, लागू रहेंगी ये पाबंदियां

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कल महाकुंभ में संगम तट पर पवित्र स्नान करेंगी। जानिए उनकी यात्रा, सुरक्षा पाबंदियों और प्रशासनिक तैयारियों के बारे में।
10:29 PM Feb 09, 2025 IST | Girijansh Gopalan
राष्ट्रपति कल पहुंचेंगी प्रयागराज।

महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की आस्था का सैलाब उमड़ रहा है और इसी बीच देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी कल प्रयागराज के संगम नोज पर पवित्र स्नान करने पहुंचने वाली हैं। यह यात्रा उनके लिए ऐतिहासिक पल होने वाली है। राष्ट्रपति महाकुंभ में करीब पांच घंटे बिताएंगी और इस दौरान वे अक्षयवट एवं बड़े हनुमान मंदिर में भी पूजा-अर्चना करेंगी। उनका आगमन खास होने के साथ-साथ प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण भी है, और इसे लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। महाकुंभ क्षेत्र में इस समय कुछ खास पाबंदियां भी लागू की गई हैं, जिनका पालन सभी को करना होगा।

राष्ट्रपति का महाकुंभ यात्रा कार्यक्रम

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 10 फरवरी, 2025 को प्रयागराज पहुंचने वाली हैं। सुबह करीब 11 बजे वह बमरौली हवाई अड्डे पर उतरेंगी। इसके बाद हेलीकॉप्टर के जरिए राष्ट्रपति अरैल क्षेत्र के डीपीएस हेलीपैड पर जाएंगी। फिर वहां से कार के माध्यम से अरैल वीवीआईपी जेटी तक पहुंचेंगी, जहां से वे निशादराज क्रूज पर सवार होकर संगम तट तक पहुंचेंगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संगम पहुंचने के बाद, उनका सबसे खास पल होगा पवित्र स्नान। वह संगम में करीब दोपहर 12 बजे स्नान करेंगी, इसके बाद गंगा पूजन और आरती भी करेंगी। राष्ट्रपति का यह आस्था से जुड़ा सफर ना सिर्फ उनके लिए, बल्कि महाकुंभ के श्रद्धालुओं के लिए भी एक ऐतिहासिक घटना होगी।

महाकुंभ में लागू की गई यातायात पाबंदियां

राष्ट्रपति के आगमन को लेकर प्रयागराज प्रशासन ने कई तरह की पाबंदियां लागू की हैं। इन पाबंदियों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राष्ट्रपति की यात्रा और महाकुंभ के आयोजन के दौरान सुरक्षा से जुड़े किसी भी मुद्दे का सामना न करना पड़े।

वाहन यातायात पर पाबंदी: राष्ट्रपति के संगम स्नान के दौरान अरैल, संगम, किले और बड़े हनुमान मंदिर जाने वाले सभी रास्तों पर वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी रहेगी। यह पाबंदी सुरक्षा कारणों से लगाई गई है।

नावों का संचालन बंद: संगम क्षेत्र में राष्ट्रपति के स्नान के दौरान नावों का संचालन भी पूरी तरह से बंद रहेगा। यह पाबंदी तब तक लागू रहेगी, जब तक राष्ट्रपति वापस संगम क्षेत्र से नहीं लौट जाएंगी। इसके बाद ही नावों का संचालन फिर से शुरू किया जाएगा। प्रशासन का कहना है कि इन पाबंदियों के बावजूद आम श्रद्धालुओं के लिए बाकी घाटों पर स्नान करने का अवसर मिलेगा, लेकिन संगम क्षेत्र और उसके आसपास की प्रमुख जगहों पर सुरक्षा कारणों से यह पाबंदियां लगाई गई हैं।

सुरक्षा तैयारियां और प्रशासन का इंतजाम

राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान प्रयागराज मेला प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम में कोई कसर नहीं छोड़ी है। संगम क्षेत्र में ड्रोन कैमरों की मदद से निगरानी की जाएगी। इसके अलावा जल पुलिस, एनडीआरएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी इस दौरान अलर्ट मोड में रहेंगी। प्रशासन ने हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर पैनी नजर रखने के लिए सुरक्षा की व्यवस्था को चाक-चौबंद किया है। राष्ट्रपति के संगम में पवित्र स्नान के बाद वे बड़े हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना भी करेंगी, और यह भी एक प्रमुख धार्मिक घटना होगी। मंदिर और आसपास के क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही उनके मार्ग पर पड़ने वाले सभी स्थानों पर भी सुरक्षा बढ़ाई गई है।

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