नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

जानें तिरुपति मंदिर में कैसी है दर्शन की व्यवस्था, क्या है सामान्य और VVIP दर्शन का तरीका?

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में एक दुखद घटना घटी, जहां 4000 से ज्यादा लोगों की भीड़ के बीच भगदड़ मचने से छह लोगों की मौत हो गई।
05:40 PM Jan 09, 2025 IST | Vyom Tiwari

Tirupati Stampede: आंध्र प्रदेश के तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर, जिसे तिरुपति बालाजी मंदिर भी कहा जाता है, भारत के सबसे पुराने और प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। यह मंदिर तिरुमला की सातवीं पहाड़ी पर स्थित है और भगवान विष्णु के अवतार श्री वेंकटेश्वर को समर्पित है। मान्यता है कि श्री वेंकटेश्वर ने कलियुग के कष्टों से मानव जाति को बचाने के लिए पृथ्वी पर अवतार लिया था।

मंदिर का इतिहास बेहद खास और समृद्ध है। कहा जाता है कि इसका निर्माण खुद भगवान ब्रह्मा ने किया था, और समय-समय पर कई राजाओं और भक्तों ने इसे संवारा। यह मंदिर अपने भव्य दान और चढ़ावे के लिए भी मशहूर है, जहां हर साल लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं।

हाल ही में, मंदिर में टोकन लेने के दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें छह लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए।

अब सवाल यह है कि तिरुपति बालाजी के दर्शन कैसे किए जा सकते हैं?  

मंदिर में तीन तरह की दर्शन व्यवस्था है:

- टोकन दर्शन: इसमें पहले से टोकन लेकर समय तय किया जाता है।

- वीआईपी दर्शन: यह खास लोगों या बड़े दान देने वालों के लिए होता है।

- सामान्य दर्शन: इसमें लाइन में लगकर बारी आने का इंतजार करना होता है।

वैकुंठ एकादशी के मौके पर टीटीडी ने वैकुंठ द्वार दर्शनम का आयोजन

तिरुमाला मंदिर का प्रबंधन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) करता है, जो एक स्वायत्त संस्था है। यह केवल मंदिर ही नहीं, बल्कि उसके आसपास के क्षेत्र के प्रशासन और रखरखाव की भी जिम्मेदारी निभाता है।

इस बार वैकुंठ एकादशी के मौके पर टीटीडी ने वैकुंठ द्वार दर्शनम का आयोजन किया है, जो 10 जनवरी से शुरू होकर 19 जनवरी तक चलेगा। इस दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, इसलिए खास टोकन सिस्टम की व्यवस्था की गई है।

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रशासन ने एडवांस में मंदिर के 8 स्थानों पर 94 काउंटर लगाए हैं। इन्हीं काउंटरों से टोकन मिलेंगे, जो वैकुंठ द्वार के दर्शन के लिए ज़रूरी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिर्फ 10, 11 और 12 जनवरी के लिए ही एक लाख से ज्यादा टोकन जारी किए जा रहे हैं। इसी दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।

सुबह तीन बजे से शुरू होता है दर्शन का समय

तिरुपति बालाजी मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन का समय आम दिनों में सुबह तीन बजे से शुरू होता है। मंदिर दोपहर डेढ़ बजे तक खुला रहता है, फिर एक घंटे के लिए बंद हो जाता है। दोपहर ढाई बजे मंदिर के द्वार फिर से खुलते हैं और रात साढ़े नौ बजे तक भक्तों के लिए खुले रहते हैं। मंदिर साल में केवल कुछ विशेष अवसरों पर बंद होता है, बाकी समय यह श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है।

टीटीडी की वेबसाइट के अनुसार, रोजाना 60 से 80 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यहां श्रद्धालुओं के लिए सर्व दर्शन की व्यवस्था है, जो पूरी तरह से निशुल्क है। श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार वैकुंठम क्यू कॉम्प्लेक्स II में करते हैं। सर्व दर्शन का समय आमतौर पर 18 घंटे होता है, लेकिन पीक डेज में यह बढ़कर 20 घंटे तक हो सकता है। ध्यान रहे, सप्ताह के अलग-अलग दिनों में सर्व दर्शन का समय भी बदल सकता है।

इसके अलावा, शीघ्र दर्शन (स्पेशल इंट्री दर्शन) की व्यवस्था भी है, जिसमें श्रद्धालु 300 रुपए प्रति व्यक्ति देकर तीन घंटे पहले दर्शन कर सकते हैं। यह टिकट टीटीडी की वेबसाइट, ई-दर्शन काउंटर और भारतीय डाकघरों में मिलते हैं। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के श्रद्धालु एपी ऑनलाइन और टीएस ऑनलाइन केंद्रों से भी यह टिकट ले सकते हैं।

VVIP दर्शन करने का समय?

तिरुपति मंदिर में वीवीआईपी दर्शन की सुविधा भी है, जो नियमित दर्शन के समय के बीच उपलब्ध होती है। यह दर्शन सुबह 6 से 7 बजे, सुबह 9 से 10 बजे और शाम 5:30 से 6:30 बजे के बीच हो सकते हैं। इसके लिए श्रद्धालुओं को तिरुमला तिरुपति देवस्थानम को विशेष दान राशि चुकानी होती है, जो मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 500 से लेकर 10,000 रुपए प्रति व्यक्ति तक हो सकती है। जो लोग यह दान राशि देते हैं, उन्हें बिना किसी परेशानी के दर्शन के लिए टिकट मिल जाता है। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए पहले टीटीडी की वेबसाइट पर पंजीकरण करना पड़ता है। इसके बाद, श्रद्धालुओं को तिरुमाला के गोकुलम स्थित जेईओ कैंप ऑफिस जाना होता है, जहां एक अलग काउंटर पर जाकर दान राशि जमा करके दर्शन के टिकट लिया जा सकता है।

मंदिर में कुल 7 द्वार

तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर मंदिर में कई प्रवेश द्वार हैं, जिनके नाम और महत्व अलग-अलग हैं।

- महाद्वारम या मुख्य द्वार मंदिर के पूर्व में स्थित है और इसे अन्नमाचार्य प्रवेश भी कहा जाता है।

- बंगारू वाकिलि या गोल्डन इंट्रेंस मंदिर के दक्षिण में स्थित है और इसे स्वामी पुष्करिणी द्वार भी कहा जाता है, जो पवित्र जलाशय स्वामी पुष्करिणी की ओर जाता है।

- वैकुंठ द्वारम मंदिर के उत्तर में स्थित है, जिसे स्वर्ग का द्वार माना जाता है। यह द्वार खास अवसरों पर ही खोला जाता है।

- नदीमीपधामु मंदिर के उत्तर पश्चिम में है, और इसका नाम भगवान वेंकटेश्वर के छोड़े हुए पदचिह्नों पर रखा गया है।

- सर्व दर्शन द्वार मंदिर के पश्चिम में स्थित है, जहां श्रद्धालु सामान्य दर्शन के लिए जाते हैं।

- सुपदम या वीआई इंट्रेंस मंदिर के उत्तर पश्चिम में स्थित है, जो वीआईपी, दानदाता और विशेष अतिथियों के लिए है।

- अनि मुतंगी सेवा प्रवेश द्वार मंदिर के उत्तर पूर्व में स्थित है, और इसका इस्तेमाल वे श्रद्धालु करते हैं जिन्होंने खास पूजा के लिए टिकट खरीदी होती है।

कैसे जाएं तिरुपति बालाजी?

तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए आप देश के किसी भी हिस्से से रेल, सड़क या हवाई मार्ग से जा सकते हैं। अगर आप दिल्ली से यात्रा करना चाहते हैं, तो यहां से तिरुपति के लिए सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं, जो लगभग 2120 किलोमीटर की दूरी तय करती हैं। तिरुमला स्थित मंदिर के सबसे पास तिरुपति रेलवे स्टेशन है। आप चेन्नई तक ट्रेन से पहुंचकर, फिर वहां से सड़क मार्ग से तिरुपति जा सकते हैं। चेन्नई से तिरुपति की दूरी लगभग 140 किलोमीटर है।

अगर आप हवाई मार्ग से यात्रा करना चाहें, तो दिल्ली से तिरुपति और आसपास के एयरपोर्ट के लिए फ्लाइट्स उपलब्ध हैं। तिरुपति एयरपोर्ट मंदिर से केवल 13 किलोमीटर दूर है, जो यात्रा के लिए सबसे नजदीक है। इसके अलावा, आप चेन्नई एयरपोर्ट, बेंगलुरु एयरपोर्ट, तिरुचिरापल्ली एयरपोर्ट या कोयंबटूर एयरपोर्ट से भी तिरुपति जा सकते हैं।

 

यह भी पढ़े:

Tags :
Tirupati Balaji darshanTirupati Balaji token systemTirupati crowd managementTirupati StampedeTirupati temple crowdTirupati VIP darshanVaikuntha Ekadashi 2025VIP darshanतिरुपति टोकन दर्शनतिरुपति टोकन व्यवस्थातिरुपति बालाजी दर्शनतिरुपति भीड़तिरुपति मंदिर व्यवस्थातिरुपति में भारी भीड़तिरुपति वीआईपी दर्शनवैकुंठ एकादशी 2025

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article