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‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले में लालू, राबड़ी और तेज प्रताप यादव को ED का समन, आज होगी पूछताछ

ED ने 'लैंड फॉर जॉब' घोटाले में लालू यादव, राबड़ी और तेज प्रताप को पूछताछ के लिए बुलाया। CBI पहले ही केस दर्ज कर चुकी है। जांच में नए सबूत मिले हैं।
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पूछताछ के लिए बुलाया है। अधिकारियों के मुताबिक, इस मामले में राबड़ी देवी और तेज प्रताप यादव को भी तलब किया गया है। ईडी ने तीनों को पटना जोनल ऑफिस में हाजिर होने का आदेश दिया है। राबड़ी देवी और तेज प्रताप को आज पूछताछ के लिए बुलाया गया है, जबकि लालू यादव को कल (बुधवार) पेश होने के लिए कहा गया है।

इससे पहले भी ईडी ने लालू यादव से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया था। लेकिन अब एजेंसी को कुछ नए सुबूत मिले हैं, जिनके आधार पर दोबारा पूछताछ होगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

लैंड फॉर जॉब स्कैम: क्या है पूरा मामला?  

पश्चिम-मध्य रेलवे के जबलपुर जोन में साल 2004 से 2009 के बीच ग्रुप-डी पदों पर भर्तियां हुई थीं। आरोप है कि उस वक्त रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में उम्मीदवारों से उनकी जमीन ली गई और बदले में उन्हें रेलवे की नौकरी दी गई। ये जमीन उम्मीदवारों के परिवार या उनके करीबियों के नाम पर ट्रांसफर करवाई गई थी।

इस घोटाले की जांच में सीबीआई ने 18 मई 2022 को लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी, दो बेटियों और कुछ सरकारी अधिकारियों समेत कई निजी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। अब तक इस मामले में 30 आरोपियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल चुकी है।

क्या लग रहें है आरोप?

2004 से 2009 के बीच भारतीय रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप डी के पदों पर कई लोगों की भर्ती हुई थी। आरोप है कि इन लोगों ने नौकरी पाने के बदले अपनी जमीनें उस समय के रेल मंत्री लालू यादव के परिवार या उनकी संबंधित कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दी थीं।

लालू यादव पर 'लैंड फॉर जॉब' घोटाले का आरोप  

यह मामला तब का है जब लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे। आरोप है कि इस दौरान उन्होंने रेलवे में नौकरी देने के बदले लोगों से जमीन ली थी। इसी मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 28 फरवरी 2023 को लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती समेत 14 लोगों को समन जारी किया था। सभी आरोपियों को 15 मार्च को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था, जहां पूछताछ के बाद आरोप तय किए गए।

इस घोटाले की जांच में CBI ने 10 अक्टूबर 2022 को चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 16 लोगों को आरोपी बनाया गया था। CBI ने जुलाई 2022 में भोला यादव को गिरफ्तार किया, जो लालू यादव के रेल मंत्री रहते उनके OSD (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) थे।

CBI का दावा है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कब्जा किया हुआ है, जिसे नकद पैसे देकर खरीदा गया था।

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