Lalu Yadav Iftar Party: लालू की इफ्तार पार्टी में न कांग्रेसी पहुंचे और न मुकेश सहनी, महागठबंधन में सब ठीक बा?
Lalu Yadav Iftar Party: चुनावी राज्य बिहार में नेताओं की हर गतिविधि चर्चा के केंद्र में है। रमजान के मौके पर इन दिनों वहां इफ्तार पार्टियां चल रही हैं। नीतीश कुमार, लालू यादव से लेकर चिराग पासवान तक हर कोई दावते इफ्तार दे रहा है। लेकिन सोमवार को गजब हो गया। जब लालू यादव की इफ्तार पार्टी से कांग्रेस के बड़े नेता गायब दिखे। इतना ही नहीं, मुकेश सहनी भी कहीं नहीं नजर आए। इससे सवाल उठ रहा है कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक तो है ना?
लालू की इफ्तार पार्टी
लालू यादव ने पटना में इफ्तार पार्टी दी। वे हर बार इस तरह का आयोजन करते हैं। इस दावत में कई मुस्लिम संगठन के प्रतिनिधि इफ्तार पार्टी में पहुंचे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष या बिहार प्रभारी वहां पर कहीं नहीं दिखे। हालांकि, कांग्रेस की विधायक सिर्फ प्रतिमा दास इफ्तार में नजर आईं। लालू की इफ्तार में आरजेडी के प्रमुख समर्थक मुकेश साहनी भी नदारद रहे। जब इस बारे में आरजेडी के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा, रमजान का अंतिम दौर चल रहा है।
वे लोग अपने क्षेत्र में इफ्तार कर रहे होंगे। सभी को हर जगह शामिल होना होता है। कांग्रेस के कई विधायक और एमएलसी पार्टी में पहुंचे थे। पशुपति पारस इस पार्टी में जरूर दिखाई दिए। नीतीश कुमार को झटका लगा। क्योंकि, जिन मुस्लिम संगठनों के नेताओं ने नीतीश की दावत में जाने से मना कर दिया, वे सब इस पार्टी में नजर आए।
क्या बोले चिराग पासवान
उधर, चिराग पासवान ने भी इफ्तार पार्टी दी। इसमें बीजेपी और कई दलों के नेताओं ने शिरकत की। चिराग पासवान ने कहा कि हम लोग लगातार इसका आयोजन करते आए हैं। मेरे पिता रामविलास पासवान जी ने इसकी शुरुआत की थी। उनकी इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हम लोगों ने भी हर साल की तरह इस साल भी इफ्तार का आयोजन किया। मुस्लिम संगठनों के विरोध पर चिराग पासवान ने कहा कि उनका विरोध मेरे सर आंखों पर। मदनी साहब से हमारे बहुत पुराने रिश्ते रहे हैं।
मेरे परिवार के उनसे बहुत रिश्ते रहे हैं। उन पर बयान देने के लिए बहुत छोटा हूं। आप मुझसे तो नाराज हो रहे हैं लेकिन आप उन दलों के साथ खड़े हैं, जिन दलों ने झूठ बोलकर मुसलमानों को सिर्फ अपना वोट बैंक समझा। चिराग ने कहा कि मुझे लगता है कि धार्मिक संगठनों को राजनीतिक दलों से दूर रखना चाहिए। मैं तो हिन्दू हूं, क्यों इफ्तार दे रहा हूं। तो बता दूं कि इससे सामाजिक सद्भाव बना रहता है।
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