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यह कैसा पुण्य! बूढ़ी मां को घर में लॉक कर कुंभ नहाने निकल गया बेटा, भूख से प्लास्टिक खाने को हो गई मजबूर

कुंभ नहाने की सनक में घर में मां को बंद कर बेटा चला गया कुम्भ । तीन दिन तक भूखी रहने के बाद पड़ोसियों ने ताला तोड़कर उन्हें बचाया।
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Kumbh 2025, Jharkhand News, Elderly Woman Locked, Humanitarian Crisis, Family Neglect, Kumbh Snan Incident, Social Issues

प्रयागराज महाकुंभ (Prayagraj Mahakumbh) में अब तक 50 करोड़ से ज्यादा लोग स्नान कर चुके हैं। कुछ लोग पैदल तो कुछ अपने मां-बाप को कांवड़ लेकर गए। लेकिन झारखंड के रामगढ़ से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। यहां सेंट्रल कोल फील्ड्स (CCL) में काम करने वाले एक कर्मचारी अखिलेश प्रजापति को कुंभ नहाने की ऐसी सनक चढ़ी कि उसने अपनी 65 साल की बूढ़ी मां संजू देवी को घर में बंद कर दिया और पत्नी के साथ प्रयागराज चला गया।

तीन दिन तक भूखी रहीं मां

अखिलेश ने मां को घर में बंद करके ताला लगा दिया और तीन दिन तक वहां छोड़ दिया। इन तीन दिनों में संजू देवी सिर्फ पोहा और पानी पर जिंदा रहीं। जब भूख और प्यास से उनकी हालत बिगड़ने लगी, तो वह चिल्लाने लगीं। पड़ोसियों ने उनकी आवाज सुनी और उनकी बेटी चांदनी और भाई मनसा महतो को बुलाया। पुलिस को सूचना दी गई और घर का ताला तोड़कर संजू देवी को बाहर निकाला गया। जब ताला खोला गया, तो पड़ोसी हैरान रह गए। संजू देवी भूख से तड़प रही थीं और प्लास्टिक खाने की कोशिश कर रही थीं। पड़ोसियों ने तुरंत उन्हें संभाला और खाना खिलाया। इसके बाद उन्हें रामगढ़ सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।

बेटा बोला: 'मां ने ही कहा था कुंभ जाने के लिए'

इस मामले में अखिलेश प्रजापति से फोन पर बात की गई। उसने कहा कि वह और उसकी पत्नी सोमवार (17 फरवरी) को 11 बजे घर से प्रयागराज के लिए निकले थे। उन्होंने दावा किया कि मां के लिए खाना और पोहा जैसी चीजें घर में रखी थीं। अखिलेश ने यह भी कहा कि मां की तबियत ठीक नहीं थी, इसलिए उन्हें साथ नहीं ले गए। उसने यह भी दावा किया कि मां ने ही उन्हें कुंभ जाने के लिए कहा था।

पुलिस ने क्या कहा?

रामगढ़ थाने के इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि वृद्ध महिला को घर में बंद करके बेटा, पत्नी और बच्चे सभी प्रयागराज कुंभ गए हुए हैं। पुलिस ने घर का ताला तोड़कर संजू देवी को बाहर निकाला और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। इंस्पेक्टर ने कहा कि अगर इस मामले में शिकायत मिलती है, तो कार्रवाई की जाएगी।

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कानूनी पहलू क्या है?

कानून के जानकारों के मुताबिक, किसी को जबरन घर में बंद करना एक गंभीर अपराध है। यह कृत्य न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि कानूनी तौर पर भी दंडनीय है। रामगढ़ के एसपी अजय कुमार ने कहा कि यह घटना बिल्कुल अमानवीय है और शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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बेटी ने क्या कहा?

संजू देवी की बेटी चांदनी ने कहा कि वह अब अपनी मां को अपने साथ रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि अगर भाई को कुंभ जाना ही था, तो वह मां को उनके पास छोड़कर जा सकता था। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। चांदनी ने यह भी कहा कि वह मां की देखभाल करेगी और उन्हें अब कभी ऐसी स्थिति में नहीं छोड़ेगी।

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