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Kiren Rijiju: कुछ पार्टियां वक्फ बिल के नाम पर समाज को गुमराह कर रही हैं - किरेन रिजिजू

Kiren Rijiju: संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू का वक्फ बिल पर दिया बयान दिया चर्ची में है। उन्होंने कहा कि कुछ संगठन-दल लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
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Kiren Rijiju: संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ बिल को लेकर एक बयान दिया, जो काफी चर्ची में बना हुआ है। उन्होंने कहा कि कुछ संगठन, दल लोगों को गुमराह कर रही हैं। कुछ भी बोलने से पहले बिल को अच्छे से पढ़ लें फिर अपना तर्क दें। बिना पढ़ें-समझें कुछ भी न बोलें। इससे उलझन पैदा होती है। उन्होंने बताया कि वक्फ बिल को लाने की तैयारी पूरी हो गई है। यह बिल कब आएगा, समय आने पर बता दिया जाएगा। जो संगठन और पार्टियां बिल के नाम पर तनाव पैदा कर रही हैं, उनकी पहचान कर ली गई है। जिन संगठनों ने ईद पर काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने का बोला है, वो लोग गलत कर रहे हैं।

समाज को गुमराह ना करें

किरेन रिजिजू ने कहा कि मस्जिद, कब्रिस्तान या मुस्लिमों की जमीन छीनने की बात पूरी तरह से झूठी है। झूठ फैलाकर लोगों को बर्गलाना ठीक नहीं है। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि वक्फ अधिनियम को असंवैधानिक कहना सबसे बड़ा झूठ है। हम किसी की जमीन कैसे छीन सकते हैं? उन्होने प्रेम कांफ्रेंस में मीडिया से भी झूठ फैलाने वालों की पहचान करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि किसी भी बिल पर इस स्तर की चर्चा नहीं हुई।

ईद के दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए

किरेन रिजिजू ने कहा कि जब सीएए लाया गया था, तब भी उन्हीं लोगों ने विरोध जताया था। मैं फिर से कह रहा हूं कि अगर आपको कोई परेशानी है तो कृपया सदन में इस पर चर्चा करें। आज ईद का पावन दिन है। झूठ नहीं फैलाना चाहिए। ईद के दिन जो झूठ बोले वो नकली आदमी है। ओवैसी बहुत समझदार हैं। उन्हें पता है कि वो क्या कह रहे हैं। उन्हें पता है कि वो झुठ बोल रहे हैं। इस बिल के पास होने के बाद ओवैसी जैसे लोग राजनीतिक रूप से कैसे टिक पाएंगे।

Kiren Rijiju

जरूरत पड़ने पर सत्र बढ़ाएंगे

किरेन रिजिजू ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो सत्र बढ़ाया जा सकता है। यह देश कानून से चलता है। कोई किसी की जमीन कैसे छीन सकता है? कुछ लोग, दल या पार्टी झूठ फैलाकर लोगों को बरगला रही है। इनके चेहरों को पहचानो। अपने देश को बदनाम करना गलत है। उन्होने कहा कि जितनी चर्चा इस बिल पर हुई उतनी किसी पर नहीं की गई। जिस पार्टी को कुछ कहना है, वह संसद में आकर चर्चा करे। बाहर बेकार की बातें करना ठीक नहीं है।

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