अधजले नोटों की गड्डियां, बोरों में भरा मलबा...जस्टिस वर्मा के घर से क्या क्या मिला? वीडियो आया सामने
Justice Yashwant Verma Cash Scandle: दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर से जली हुई नकदी मिलने के मामले में नया मोड़ आया है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय को जली हुई नकदी की तस्वीरें और वीडियो साझा किए हैं। यह रिपोर्ट शनिवार को सार्वजनिक की गई, जिसमें जस्टिस वर्मा का जवाब भी शामिल है। जस्टिस वर्मा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उनके घर से किसी भी तरह की नकदी नहीं मिली है और यह साजिश उन्हें बदनाम करने की है।
#WATCH | The Supreme Court released the inquiry report filed by Delhi High Court Chief Justice Devendra Kumar Upadhyaya into the controversy relating to High Court Justice Yashwant Varma. In his report, the Delhi High Court Chief Justice said that he is of the prima facie opinion… pic.twitter.com/1xgMh8xWNW
— ANI (@ANI) March 22, 2025
क्या है पूरा मामला?
15 मार्च 2025 को जस्टिस यशवंत वर्मा के बांद्रा स्थित आवास में आग लग गई। आग बुझाने के बाद फायर ब्रिगेड और पुलिस ने दावा किया कि आग लगने वाले कमरे से जली हुई नकदी मिली है। इसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने इस मामले की जांच की और चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय को जली हुई नकदी की तस्वीरें और वीडियो सौंपे।
'मुझे फंसाने की साजिश': जस्टिस वर्मा बोले
जस्टिस यशवंत वर्मा ने आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि "ये कैश हमारा नहीं है। न मैंने, न ही मेरे परिवार के किसी भी सदस्य ने उस स्टोर रूम में कैश रखा था। जब-जब हमने पैसे निकाले हैं, उनसे जुड़े हुए कागजात हमारे पास हैं। हमेशा बैंक, UPI ऐप और कार्ड के जरिए हमने पैसों का लेनदेन किया है। जहां तक कैश बरामद होने के आरोप का सवाल है, मैं साफ कर दूं कि मेरे घर से किसी ने भी कमरे में जले हुए कैश मिलने की सूचना नहीं दी है।" जस्टिस वर्मा ने आगे कहा कि पुलिस कमिश्नर द्वारा साझा की गई तस्वीरें और वीडियो देखकर वह हैरान हैं। उन्होंने दावा किया कि इन तस्वीरों में वह भी दिखाया गया है, जो वास्तव में वहां से नहीं मिला था। उन्होंने यह भी कहा कि"यह मुझे फंसाने और बदनाम करने की साजिश है।"
हाईकोर्ट की रिपोर्ट में क्या कहा गया?
चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने एक गार्ड के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि 15 मार्च को जिस कमरे में आग लगी थी, वहां से मलबा और जली हुई चीजों को हटा दिया गया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जज के आवास पर कर्मचारी, CPWD वर्कर्स के अलावा कोई नहीं घुस सकता। चीफ जस्टिस ने कहा कि पूरे मामले की गहन जांच होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगी कॉल डिटेल
हाईकोर्ट की रिपोर्ट मिलने के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने 21 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय को पत्र लिखकर आगे की जांच के लिए जस्टिस यशवंत वर्मा के बीते 6 महीनों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड और इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड (IDPR) मांगा है। CJI ने जस्टिस वर्मा से अनुरोध किया कि वे अपने मोबाइल फोन से किसी भी बातचीत, मैसेज या डेटा को न मिटाएं।
अब आगे क्या होगा?
चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय ने CJI संजीव खन्ना से इस मामले की गंभीर जांच करने की अपील की है। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा के कॉल डिटेल और इंटरनेट डेटा की जांच का आदेश दिया है। अब यह देखना होगा कि इस जांच में क्या सामने आता है और क्या जस्टिस वर्मा के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है।
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