जापान में आने वाला है ‘महाभूकंप’, एक झटके में जा सकती है लाखों लोगों की जान, डूब सकते हैं कई शहर!
म्यांमार और थाईलैंड में हाल ही में आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था। लोग इस भयंकर हादसे से उबर भी नहीं पाए थे कि जापान ने एक नई चेतावनी जारी कर सभी को चिंता में डाल दिया है। जापान की सरकारी एजेंसी ने कहा है कि देश में आने वाले समय में एक 'महाभूकंप' आ सकता है, जो देश में भयंकर तबाही मचाएगा। इस महाभूकंप की तीव्रता 9 तक हो सकती है, जिससे लाखों लोगों की जान जा सकती है और समुद्र में उठने वाली सुनामी कई शहरों को जलमग्न कर सकती है।
जापान में ‘महाभूकंप’ की आशंका
न्यूज एजेंसी AFP की रिपोर्ट के अनुसार, जापान सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर 9 तीव्रता का भूकंप आता है, तो 13 लाख लोग बेघर हो जाएंगे। साथ ही, सुनामी और इमारतों के ढहने से लगभग 3 लाख लोग अपनी जान गंवा सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो जापान की अर्थव्यवस्था को 2 ट्रिलियन डॉलर (171 लाख करोड़ रुपये से अधिक) का नुकसान हो सकता है। यह अनुमान साल 2014 में किए गए अनुमान से कम है, जिसमें नानकाई गर्त में महाभूकंप के कारण 323,000 लोगों की मौत की संभावना जताई गई थी।
क्या है नानकाई गर्त और क्यों बन रहे हैं ऐसे हालात?
नानकाई गर्त, जापान के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित एक समुद्र के नीचे की खाई है, जो टोक्यो से लेकर क्यूशू के दक्षिणी सिरे तक फैली हुई है। यह खाई लगभग 800 किलोमीटर लंबी है और यहां फिलिपीनी सागर की टेक्टोनिक प्लेट महाद्वीपीय प्लेट के नीचे धंस रही है। समय के साथ ये प्लेटें बंद हो जाती हैं और उनके अंदर ऊर्जा जमा हो जाती है, जो बाद में एक शक्तिशाली भूकंप का रूप लेती है। इस वजह से इस क्षेत्र में बार-बार भूकंप आते रहते हैं।
महाभूकंप क्या होता है?
महाभूकंप एक बेहद शक्तिशाली भूकंप होता है, जिसकी तीव्रता आमतौर पर 8 या उससे ज्यादा होती है। ऐसे भूकंप ना केवल भारी तबाही मचाते हैं, बल्कि सुनामी भी पैदा कर सकते हैं। पिछले 1400 वर्षों में नानकाई गर्त में महाभूकंप हर 100 से 200 सालों में आते रहे हैं। इनमें से सबसे हालिया महाभूकंप 1946 में आया था।
महाभूकंप की भविष्यवाणी करना क्यों है मुश्किल?
भूकंपों की भविष्यवाणी करना आज भी बेहद मुश्किल है, लेकिन एक सरकारी पैनल ने अगले 30 वर्षों के भीतर महाभूकंप के आने की 75 से 82 प्रतिशत संभावना जताई है। इस प्रकार के भूकंप के कारण जो तबाही हो सकती है, वह कल्पना से भी परे है।
2011 में आए भूकंप की यादें
मार्च 2011 में जापान में 9 तीव्रता का भूकंप आया था, जो अब तक के सबसे खतरनाक भूकंपों में से एक था। इस भूकंप के कारण लगभग 18,500 लोग मारे गए थे या लापता हो गए थे। इसके अलावा, फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में तीन रिएक्टर पिघल गए थे, जिससे यह हादसा जापान में युद्ध के बाद की सबसे बड़ी आपदा बन गया था। इसे चेरनोबिल के बाद सबसे गंभीर परमाणु दुर्घटना माना जाता है।
क्यों अहम है यह चेतावनी?
जापान के लिए यह चेतावनी और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके इतिहास में भूकंपों ने कई बार देश को गंभीर नुकसान पहुँचाया है। जापान में भूकंप आने की संभावना बहुत अधिक है, और यदि आने वाले समय में इस प्रकार का महाभूकंप आता है तो न केवल जापान की अर्थव्यवस्था, बल्कि पूरे एशियाई क्षेत्र पर इसका गहरा असर पड़ेगा।
ये भी पढ़ें:Viral: प्यार में मिले धोखे से परेशान शख्स ने बकरी से रचाई शादी