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पहलगाम हमला: जम्मू-कश्मीर पुलिस किसके इशारे पर चलती है, CM या LG?

पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 के आतंकी हमले ने सुरक्षा पर सवाल उठाए। 26 की मौत, 17 घायल। जानें जम्मू-कश्मीर पुलिस किसके अंडर काम करती है - मुख्यमंत्री या उपराज्यपाल? LG मनोज सिन्हा का रोल क्या है।
09:19 PM Apr 23, 2025 IST | Girijansh Gopalan

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले ने हर किसी को हिलाकर रख दिया है। पुलवामा हमले के बाद ये सबसे खौफनाक आतंकी वारदात मानी जा रही है। इस हमले में आतंकियों ने घूमने आए टूरिस्टों को निशाना बनाया। चश्मदीदों का कहना है कि आतंकियों ने टूरिस्टों से उनका मजहब पूछा और फिर गोलियां बरसा दीं। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जबकि 17 लोग घायल हैं। इस घटना ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा दिए हैं।

हमले की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाइए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली वापसी कर ली। वहीं, गृहमंत्री अमित शाह रात से ही जम्मू-कश्मीर में डटे हुए हैं। खबर है कि जब ये हमला हुआ, उस वक्त पहलगाम की बैसरन घाटी में एक भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। इसी वजह से इतना बड़ा नुकसान हुआ। अब सवाल ये है कि आखिर जम्मू-कश्मीर की पुलिस किसके अंडर काम करती है? मुख्यमंत्री के या उपराज्यपाल के? आइए, इसकी तह में जाते हैं।

जम्मू-कश्मीर: केंद्र शासित प्रदेश का खेल

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया था। जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख - में बांट दिया गया। इस फैसले के साथ ही वहां की विधानसभा और मुख्यमंत्री की ताकत को काफी हद तक कम कर दिया गया। दूसरी तरफ, उपराज्यपाल को ढेर सारे अधिकार दे दिए गए।

केंद्र शासित प्रदेश होने की वजह से जम्मू-कश्मीर में पुलिस और कानून-व्यवस्था का जिम्मा सीधे केंद्र सरकार के पास है। हालांकि, जमीन से जुड़े मामले वहां की चुनी हुई सरकार के पास हैं। ठीक वैसी ही व्यवस्था, जैसी दिल्ली में देखने को मिलती है, जहां पुलिस और कानून-व्यवस्था का कंट्रोल उपराज्यपाल के पास होता है।

जम्मू-कश्मीर पुलिस: LG के इशारे पर काम

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून, 2019 के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर पुलिस पूरी तरह उपराज्यपाल के अंडर काम करती है। अभी वहां के उपराज्यपाल हैं मनोज सिन्हा। यानी, जम्मू-कश्मीर पुलिस मनोज सिन्हा के आदेशों पर चलती है। मुख्यमंत्री का इस पर कोई दखल नहीं है।

यहां तक कि पुलिस की भर्ती भी अब जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग के जरिए होती है। प्रमोशन जैसे मामले विभागीय प्रमोशन कमेटी देखती है। तो साफ है, जम्मू-कश्मीर में पुलिस का कंट्रोल उपराज्यपाल के पास है, और वो केंद्र सरकार के इशारे पर काम करती है।

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