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Jagjit Singh Dallewal: किसान नेता डल्लेवाल ने तोड़ा 4 महीने लंबा अनशन, सरकार के साथ समझौते की बढ़ी उम्मीद

डल्लेवाल ने 26 नवंबर 2024 से विभिन्न मांगों के समर्थन में अनशन शुरू किया था, जिनमें सबसे प्रमुख मांग थी MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी सुनिश्चित करना।
01:51 PM Mar 28, 2025 IST | Sunil Sharma

Jagjit Singh Dallewal: किसान आंदोलन में एक प्रमुख चेहरा बने जगजीत सिंह डल्लेवाल ने आखिरकार अपना भूख हड़ताल समाप्त कर दिया है। 4 महीने और 11 दिन तक जारी रहने वाले इस अनशन के खत्म होने की खबर पंजाब सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में दी। डल्लेवाल ने 26 नवंबर 2024 से विभिन्न मांगों के समर्थन में अनशन शुरू किया था, जिनमें सबसे प्रमुख मांग थी MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी सुनिश्चित करना।

राजनीतिक नेताओं और किसान संगठन कर रहे थे प्रयास

हालांकि, डल्लेवाल की तबियत पिछले दो महीनों से नाजुक चल रही थी, लेकिन उनका दृढ़ संकल्प और आंदोलनों की शक्ति उनके समर्थन में खड़ी रही। आखिरकार, जब राजनीतिक नेताओं और किसान संगठनों के प्रयासों का असर हुआ, तो डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) ने पानी पीकर अपना अनशन समाप्त किया। इस निर्णय ने किसानों और उनके समर्थकों के बीच एक नई उम्मीद की किरण जगा दी है।

किसानों को हटाने के लिए पंजाब सरकार का बड़ा कदम

पंजाब पुलिस ने हाल ही में शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों को हटाने के लिए कार्रवाई की थी। पुलिस ने सड़कों पर लगे टेंट और अन्य सामग्री को हटाने के लिए जेसीबी का उपयोग किया। इस कार्रवाई के दौरान लगभग 1400 किसानों को हिरासत में लिया गया था, जो कि आंदोलन में शामिल थे।

ये हैं किसानों की प्रमुख मांगें

किसान नेता डल्लेवाल और उनके साथियों ने जो प्रमुख मांगें उठाई थीं, उनमें शामिल थे:

1. MSP पर कानून बनाना, जो किसानों की फसलों का उचित मूल्य सुनिश्चित करे।

2. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार फसलों के दाम तय करना।

3. भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू करना।

4. किसानों के खिलाफ चल रहे मुकदमों को वापस लेना।

5. किसानों का कर्ज माफ करना और पेंशन का प्रावधान करना।

6. फसल बीमा योजना का प्रीमियम सरकार द्वारा दिया जाना।

7. मारे गए किसानों के परिवारों को नौकरी और सहायता देना।

8. लखीमपुर कांड के दोषियों को सजा दिलवाना।

9. मनरेगा में 200 दिन काम और 700 रुपये मजदूरी का प्रावधान।

10. नकली बीज-खाद पर सख्त कानून बनाना।

11. मसालों की खरीद के लिए आयोग का गठन।

12. भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार के अवसर प्रदान करना।

उपराष्ट्रपति ने भी दिया था किसान आंदोलन पर बयान

किसान आंदोलन को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी सरकार की नीति पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कृषि मंत्री से सवाल किया था कि किसानों से किए गए वादों को पूरा किया गया है या नहीं। उन्होंने इस मुद्दे (Jagjit Singh Dallewal Hunger Strike) को हल्के में न लेने की चेतावनी दी और इसे गहरी सोच और कार्रवाई की आवश्यकता वाला मामला बताया। उनके इस बयान ने देशभर में राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दिया था और किसानों की समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया।

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