जगन्नाथ मंदिर का ध्वज लेकर उड़ गया गरुड़, श्रद्धालुओं में मचा हड़कंप; जानिए क्या है रहस्य?
पुरी के जगन्नाथ मंदिर में 12 अप्रैल को एक अद्भुत घटना ने श्रद्धालुओं को एक बार फ़िर चौंका दिया है। दरअसल मंदिर के शिखर पर लगे पवित्र ध्वज (पतितपावन बाना) को एक गरुड़ अपने पंजों में जकड़ उड़ा ले गया। यह दृश्य कैमरे में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। कुछ इसे भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ की दिव्य लीला मान रहे हैं, तो कुछ इसे किसी अनहोनी का संकेत समझ रहे हैं। मंदिर प्रशासन की चुप्पी और 2020 में ध्वज पर बिजली गिरने की घटना ने इस रहस्य को और गहरा कर दिया है। चलिए जानते हैं आखिर क्या है इस घटना का रहस्य?
वायरल वीडियो ने मचाया हड़कंप
12 अप्रैल को जब मंदिर के पुजारी रोज की तरह ध्वज बदलने की तैयारी कर रहे थे, तभी एक विशाल गरुड़ ने शिखर पर लगे ध्वज को अपने पंजों में जकड़ लिया। वीडियो में देखा जा सकता है कि गरुड़ ध्वज को लेकर मंदिर के नीले सुदर्शन चक्र के चारों ओर चक्कर लगाता हुआ उड़ रहा है। यह नजारा देखकर भक्तों के बीच हड़कंप मच गया। कुछ लोग इसे भगवान जगन्नाथ का चमत्कार बता रहे हैं, तो कुछ इसे किसी बड़ी घटना का संकेत मान रहे हैं।
2020 की याद दिला रही है यह घटना
बता दें कि इस घटना ने कई लोगों को 2020 की उस घटना की याद दिला दी, जब मंदिर के ध्वज पर बिजली गिरने से आग लग गई थी। उसके कुछ ही महीनों बाद कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। इसलिए, कुछ लोग इस घटना को एक बार फिर किसी बड़े संकेत से जोड़कर देख रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने लिखा कि पहले ध्वज जला, फिर महामारी आई। अब गरुड़ ने ध्वज उठा लिया, क्या होने वाला है?
जगन्नाथ मंदिर के ध्वज के रहस्य से वैज्ञानिक भी हैरान
जगन्नाथ मंदिर का ध्वज अपने आप में एक रहस्य है। यह त्रिकोणाकार ध्वज हर दिन बदला जाता है और 800 साल से चल रही इस परंपरा को चोल परिवार के पुजारी निभाते हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि यह ध्वज हमेशा हवा की उल्टी दिशा में लहराता है, जिसका वैज्ञानिकों के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं है।
ध्वज को लेकर क्या हैं मान्यताएं?
मान्यता है कि अगर एक दिन भी ध्वज न बदला जाए, तो मंदिर 18 साल के लिए बंद हो सकता है। कुछ लोगों का मानना है कि गरुड़ द्वारा ध्वज ले जाना भगवान विष्णु का कोई संदेश हो सकता है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि गरुड़ जैसे पक्षी चमकीली वस्तुओं की ओर आकर्षित होते हैं, और यह महज एक संयोग हो सकता है।
क्या कहता है मंदिर प्रशासन?
बता दें कि अभी तक मंदिर प्रशासन ने इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, जिससे अटकलें और तेज हो गई हैं। क्या यह वाकई कोई दिव्य संकेत है, या प्रकृति का एक अनोखा खेल? इसका जवाब शायद भगवान जगन्नाथ ही जानते हैं।
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