सेना की वर्दी का रंग कौन तय करता है? जानिए ऑलिव ग्रीन, व्हाइट और ब्लू यूनिफॉर्म का राज
देश में भगवा रंग को लेकर अक्सर बहस छिड़ जाती है। कभी किसी अभिनेत्री के कपड़ों पर विवाद हो जाता है तो कभी भगवा रंग के किसी प्रोडक्ट को लेकर हंगामा मच जाता है। अब एनडीआरएफ की यूनिफॉर्म के भगवा रंग पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिलचस्प टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "अगर मैं एनडीआरएफ की ड्रेस के रंग पर कुछ कहूंगा तो कुछ लोग नाराज हो जाएंगे, लेकिन इस वर्दी को देखकर लोगों को एहसास होता है कि वे बच गए हैं।" इस बयान के बाद राजनीति गर्मा गई और विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी। लेकिन इस बहस के बीच एक बड़ा सवाल उठता है – आखिर भारतीय सेना की वर्दी का रंग कौन तय करता है? क्या सरकार इसका फैसला लेती है या फिर सेना खुद यह तय करती है? आइए, जानते हैं।
भारतीय सेना की ताकत और वर्दी के रंग की अहमियत
भारत आज दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में शामिल है। वायुसेना, नौसेना और थल सेना अपने-अपने क्षेत्रों में अद्वितीय हैं। भारतीय वायुसेना दुनिया की तीसरी सबसे मजबूत वायुसेना मानी जाती है, थल सेना चौथे स्थान पर है, और नौसेना सातवें स्थान पर आती है। तीनों सेनाओं के जवानों की वर्दी के रंग अलग-अलग होते हैं, और इनका खास महत्व भी है। थल सेना की यूनिफॉर्म ऑलिव ग्रीन, वायुसेना की लाइट ब्लू और नौसेना की यूनिफॉर्म सफेद होती है।लेकिन सवाल यह है कि इन वर्दियों के रंग कैसे तय किए गए? चलिए, इसका भी जवाब ढूंढते हैं।
सेना की यूनिफॉर्म का रंग कौन तय करता है?
भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की वर्दी के रंग कोई सरकार या कोई राजनीतिक दल तय नहीं करता। बल्कि, यह निर्णय सेना के संबंधित सैन्य अधिकारियों द्वारा लिया जाता है। सेना खुद तय करती है कि उनके जवान किस रंग की यूनिफॉर्म पहनेंगे और इसमें बदलाव का अधिकार भी उन्हीं के पास होता है।
थल सेना की वर्दी ऑलिव ग्रीन क्यों होती है?
पहले भारतीय सेना की वर्दी खाकी रंग की हुआ करती थी, लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इसे बदलकर ऑलिव ग्रीन कर दिया गया। इसके पीछे खास वजह यह थी कि भारतीय सेना को जंगलों और पहाड़ी इलाकों में ऑपरेशन करने होते हैं। ऑलिव ग्रीन रंग उन्हें पर्यावरण के साथ घुलने-मिलने में मदद करता है और दुश्मन की नजरों से बचाए रखता है।
भारतीय थल सेना की 7 अलग-अलग यूनिफॉर्म
भारतीय थल सेना के जवानों के पास सिर्फ एक नहीं, बल्कि सात तरह की अलग-अलग यूनिफॉर्म होती हैं। हर वर्दी का अपना महत्व और खास मौका होता है:
1️⃣ सर्विस यूनिफॉर्म – आधिकारिक कार्यों और परेड के लिए।
2️⃣ सेरेमोनियल यूनिफॉर्म – गणतंत्र दिवस और विशेष आयोजनों के लिए।
3️⃣ कॉम्बेट यूनिफॉर्म – युद्ध और फील्ड ऑपरेशन के लिए।
4️⃣ जंगल ड्रेस – जंगल में ऑपरेशन के दौरान।
5️⃣ मेस ड्रेस – डिनर और ऑफिशियल रिसेप्शन में।
6️⃣ विंटर ड्रेस – ठंडी जगहों और सर्दियों में।
7️⃣ पीटी ड्रेस – एक्सरसाइज और ट्रेनिंग के दौरान।
भारतीय नौसेना की सफेद वर्दी क्यों होती है?
भारतीय नौसेना की यूनिफॉर्म का रंग सफेद होता है और इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कारण है। समुद्र में सफेद रंग को आसानी से देखा जा सकता है, जिससे किसी संकट की स्थिति में बचाव कार्य आसान हो जाता है। साथ ही, सफेद रंग धूप को रिफ्लेक्ट करता है, जिससे गर्मी का असर कम होता है। नौसेना की वर्दी में सफेद रंग ब्रिटिश नौसेना से भी प्रेरित है, क्योंकि वहां भी इसी रंग की यूनिफॉर्म इस्तेमाल की जाती थी।
भारतीय वायुसेना की लाइट ब्लू यूनिफॉर्म
भारतीय वायुसेना की वर्दी हल्के नीले (लाइट ब्लू) रंग की होती है। यह रंग आकाश का प्रतीक है और इसीलिए इसे चुना गया है। यह रंग शांत प्रभाव डालता है और फोकस बनाए रखने में भी मदद करता है।
सेना की वर्दी को लेकर विवाद क्यों?
एनडीआरएफ की भगवा वर्दी को लेकर उठे विवाद के बाद सेना की यूनिफॉर्म के रंगों पर भी बहस होने लगी। हालांकि, सेना की यूनिफॉर्म का रंग किसी राजनीतिक या धार्मिक विचारधारा से प्रेरित नहीं होता। यह पूरी तरह से सैन्य जरूरतों और रणनीतिक आवश्यकताओं के आधार पर तय किया जाता है। अमित शाह के बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई, लेकिन सच यही है कि सेना अपने फैसले खुद लेती है।