One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर दिल्ली BJP की अहम बैठक, पढ़ें पूरी खबर
One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर दिल्ली बीजेपी कार्यालय में हुई। इस बैठक में दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा समेत दिल्ली बीजेपी के सभी 48 विधायक मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसलने की। जिसमें उन्होंने विधायकों से ‘One Nation One Election’ चर्चा की। सुनील बंसल उस हाई पावर कमेटी के सदस्य हैं, जो ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर जनता की राय जानने के लिए बनाई गई है। ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है।
वन नेशन वन इलेक्शन पर चर्चा
बैठक में संगठन मंत्री पवन राणा, बीजेपी सांसद कमलजीत सेहरावत, योगेंद्र चंदोलिया भी मौजूद रहे। सूत्रों के मुताबिक इससे पहले भी कई राज्यों के साथ इस तरह की बैठकों में सुनील बंसल ने हिस्सा लिया है और दिल्ली में उनकी मौजूदगी उसी श्रृंखला का हिस्सा है। हर प्रदेश में इस तरह की कार्यशाला आयोजित की जा रही। इस बैठक में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता नहीं पहुंचीं।
महत्वपूर्व है यह बैठक
पार्टी के मुताबिक यह बैठक बहुत जरूरी है और ऐसी ही बैठकों का आयोजन पूरे देश में किया जा रहा है। इस बैठक को आगामी चुनावों के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसमें ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की नीति को लेकर पार्टी की रूपरेखा और प्रचार रणनीति पर विस्तार से चर्चा होगी। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि वन नेशन, वन इलेक्शन इस समय देश की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बार बार देश में चुनाव होने से विकास में बाधा आती है।
साल भर देश में विधानसभा चुनाव होने से पैसे और समय के अलावा ऊर्जा का व्यय होता है। बार-बार आचार संहिता लगने से काम बाधित होता है। उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता होनी चाहिए ये राष्ट्रीय अभियान बने ताकि सबका भला हो। सचदेवा ने कहा कि 1968 से पहले चुनाव एक साथ हुआ करते थे। उन्होंने कहा कि जनता से सुझाव लेंगे, उनका मत लेंगे और रिपोर्ट बनाकर देंगे, लेकिन राष्ट्र निर्माण के लिए वन नेशन वन इलेक्शन बहुत जरूरी है।
एक देश-एक चुनाव क्या है
दरअसल, एक देश-एक चुनाव के तहत भारत में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की योजना है। यानी मतदान एक ही समय के आसपास होगा। वर्तमान में राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव अलग-अलग होते हैं। सरकार का कहना है कि एक देश-एक चुनाव कराने से केंद्र के राजकोष की बचत होगी क्योंकि हर पांच साल में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनावों का भी आयोजन किया जाता है। वहीं, देश में हर साल अलग-अलग समय पर विधानसभा चुनाव होते हैं। इसकी जिम्मेदारी भारतीय निर्वाचन आयोग की होती है। एक ही समय पर चुनाव होने पर राजकोष की बचत होगी।
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