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कोरोना काल के बाद अचानक हुई मौतों की क्या थी वजह? जेपी नड्डा ने दी देश को जानकारी

जेपी नड्डा ने कहा कि आईसीएमआर ने बताया है कि पिछले साल मई से अगस्त के बीच 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में एक अध्ययन किया गया था।
12:56 PM Dec 11, 2024 IST | Vyom Tiwari
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (IMR) की एक रिपोर्ट राज्यसभा में प्रस्तुत की, जिसमें कोरोना महामारी के दौरान हुई अचानक मौतों पर अध्ययन किया गया था। नड्डा ने संसद को  बताया कि इस शोध से यह साफ हुआ है कि कोविड-19 का टीका भारत में युवा वयस्कों में अचानक मौत का खतरा नहीं बढ़ाता है। इसके बजाय, अध्ययन से यह भी सामने आया कि टीकाकरण इन मौतों की संभावना को कम करता है।

18-45 वर्ष की आयु के लोगों पर किया गया अध्यन 

आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी ने एक अध्ययन किया जिसमें 18 से 45 साल की उम्र के स्वस्थ लोगों को शामिल किया गया था। ये लोग कोरोना की वैक्सीन लेने से पहले पूरी तरह स्वस्थ थे और किसी बीमारी से पीड़ित नहीं थे। लेकिन इन लोगों की अचानक मृत्यु 1 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2023 के बीच अस्पष्ट कारणों से हो गई। यह शोध 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में किया गया था।

रिसर्च के दौरान 729 ऐसे लोग शामिल किए गए जिनकी अचानक मृत्यु हो गई थी, और 2,916 लोग ऐसे थे जिन्हें हार्ट अटैक के बाद बचा लिया गया था। इस रिसर्च से यह पता चला कि वैक्सीनेशन लेने के बाद मौत का खतरा कम हो गया था। आईसीएमआर की इस रिसर्च में यह भी पाया गया कि जिन लोगों की अचानक मौत हुई थी, उन्होंने अपनी मौत से 48 घंटे पहले ज्यादा शराब पी थी या नशीले पदार्थों का सेवन किया था। इसके अलावा, कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने ज्यादा समय तक जिम में एक्सरसाइज भी की थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने संसद में दी ये जानकारी

जेपी नड्डा ने संसद में बताया कि वैक्सीनेशन के बाद जो अचानक मौतें हुई हैं, उनका टीकाकरण से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि रिसर्च में यह सामने आया है कि कोविड-19 वैक्सीन की दो खुराक लेने से ऐसी मौतों का खतरा बहुत कम हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि टीके से जुड़ी दुष्प्रभावों की निगरानी के लिए एक मजबूत सिस्टम (एईएफआई) स्थापित किया गया है।

अनुप्रिया पटेल ने सदन को बताई ये बात 

स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने एक लिखित उत्तर में बताया कि हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड और कर्नाटक एंटीबायोटिक एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा बनाई गई मेट्रोनिडाजोल 400 मिलीग्राम और पैरासिटामोल 500 मिलीग्राम की गोलियों के एक खास बैच को टेस्ट में गुणवत्ता मानकों के मुताबिक नहीं पाया गया।

 

 

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