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कोटा में हिंदू-मुस्लिम दोस्तों ने रचाई भाईचारे की मिसाल, एक ही कार्ड में छपवाया शादी-निकाह का न्योता

'कोटा के दो दोस्तों ने 40 साल की दोस्ती को शादी के एक कार्ड में समेटा! हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल, एक ही कार्ड में शादी और निकाह का न्योता। जानिए पूरी कहानी।'
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राजस्थान के कोटा से एक ऐसी खबर आई है, जो दिल को छू लेने वाली है। यहां दो दोस्तों ने भाईचारे की ऐसी मिसाल पेश की है कि हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है। 40 साल पुराने ये दोस्त, एक हिंदू और दूसरा मुस्लिम, अपने बच्चों की शादी के लिए एक ही कार्ड छपवाया। जी हां, एक ही कार्ड में दो शादियां - एक हिंदू रीति-रिवाज से, दूसरी मुस्लिम तरीके से। कार्ड में हिंदी और उर्दू दोनों में डिटेल्स दी गई हैं। हैरान हो गए ना? चलिए, पूरा माजरा बताते हैं।

40 साल की दोस्ती का कमाल

कोटा के विश्वजीत चक्रवर्ती और अब्दुल रऊफ अंसारी की दोस्ती की शुरुआत तब हुई, जब दोनों के परिवार स्टेशन इलाके की मस्जिद गली में पास-पास रहते थे। धीरे-धीरे ये दोस्ती इतनी गहरी हो गई कि दोनों ने 40 साल पहले साथ में प्रॉपर्टी डीलिंग का धंधा शुरू कर दिया। फिर क्या, दोनों परिवार एक-दूसरे को अपना मानने लगे। जनकपुरी में जमीन लेकर दोनों ने पास-पास मकान बनवाए। अब तो हालत ये है कि बच्चों की शादी का कार्ड भी एक ही छपवाया - एक तरफ शादी का इन्विटेशन, दूसरी तरफ निकाह का। रिसेप्शन भी दोनों मिलकर एक ही दिन दे रहे हैं।

कार्ड में क्या-क्या लिखा?

इस खास कार्ड में युनूस परवेज अंसारी (अब्दुल रऊफ के बेटे) की शादी में इस्तकबालकर्ता हैं विश्वजीत चक्रवर्ती और उनकी पत्नी मधु। वहीं, सौरभ चक्रवर्ती (विश्वजीत के बेटे) की शादी में दर्शनाभिलाषी हैं अब्दुल रऊफ और उनकी बीवी अजीज अंसारी। खास मेहमान के तौर पर ओवैसी अख्तर अंसारी और महजबीन का भी जिक्र है। कार्ड में हिंदी-उर्दू का तड़का ऐसा है कि देखते ही बनता है।

शादी की डेट अलग, रिसेप्शन एक साथ

अब शादी की तारीखों की बात करें तो युनूस परवेज का निकाह 17 अप्रैल को होगा। उनकी दुल्हन फरहीन अंसारी होंगी। बारात शाम 7 बजे बोरखेड़ा के एक रिसॉर्ट जाएगी, जहां ईशा की नमाज के बाद निकाह होगा। दूसरी तरफ, सौरभ चक्रवर्ती की शादी 18 अप्रैल को श्रेष्ठा राय के साथ होगी। बारात स्टेशन के एक मैरिज गार्डन में जाएगी और मध्य रात्रि में फेरे होंगे। लेकिन रिसेप्शन दोनों का एक साथ, 19 अप्रैल को चंद्रलसेल रोड के काला तालाब पर एक प्राइवेट रिसॉर्ट में होगा। इसे नाम दिया गया है ‘दावत-ए-खुशी’।

दोनों दोस्तों के बेटों का क्या कहना?

सौरभ चक्रवर्ती ने बताया कि उनका परिवार बंगाली है, लेकिन कई पीढ़ियों से कोटा में रह रहा है। सौरभ मेडिसिन डिस्ट्रीब्यूशन का बिजनेस करते हैं, जबकि युनूस आईटी सेक्टर में हैं। सौरभ कहते हैं, “हमारे पापा की दोस्ती इतनी पक्की थी कि मकान भी पास-पास बनवाए। जब हमारी शादी की बात आई, तो फैसला हुआ कि साथ में ही करेंगे। रिश्तेदार भी एक-दूसरे के शामिल हों, और रिसेप्शन भी एक साथ हो। हम तो एक-दूसरे को अपना ही परिवार मानते हैं।”

भाईचारे की मिसाल

ये कहानी सिर्फ दो दोस्तों की नहीं, बल्कि दो परिवारों के आपसी प्यार और भरोसे की है। एक ही कार्ड में शादी और निकाह का न्योता छापना कोई छोटी बात नहीं। कोटा के इन दोस्तों ने दिखा दिया कि दोस्ती और भाईचारा धर्म की दीवारों से ऊपर होता है।

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