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हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से देश में क्यों मचा है बवाल, यहां जानिए क्या है पूरा मामला

अमेरिकी शॉर्ट सेलर फंड हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (hindenburg report) से एक बार फिर देश में बवाल मचा हुआ है। इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस आमने साने है। कांग्रेस हिंडनबनर्ग की रिपोर्ट को लेकर बीजेपी पर जमकर आरोप लगा रही...
08:34 PM Aug 12, 2024 IST | Shiwani Singh

अमेरिकी शॉर्ट सेलर फंड हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (hindenburg report) से एक बार फिर देश में बवाल मचा हुआ है। इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस आमने साने है। कांग्रेस हिंडनबनर्ग की रिपोर्ट को लेकर बीजेपी पर जमकर आरोप लगा रही है। वहीं कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (madhabi puri buch)  के इस्तीफे की मांग की है। आइए इस रिपोर्ट में हम आपको बताते हैं कि आखिर क्या है ये पूरा मामला...

क्या कहती है हिंडनबर्ग की रिपोर्ट?

बीते शनिवार को जारी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि सेबी के चेयरपर्सन की उन ऑफशोंर कंपनियों में हिस्सेदारी रही है जिनका इस्तेमाल अदाणी ग्रुप की कथित वित्तिय अनियमतताओं में हुआ था।

 

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सेबी ने अदाणी की दूसरी संदिग्ध शेयरहोल्डर कंपनियों पर कोई कार्यवाई नहीं की है। जिसका संचालन इंडिया इन्फोलाइन की ईएम रिसर्जेंट फंड और इंडिया फोकस फंड की ओर से किया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी की तरफ से इस मामले में जो भी जांच की गई है उसको और व्यापक करने की जरूरत है। इस रिपोर्ट में सेबी की लीडरशिप को लेकर भी चिंता जताई जा रही है।

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने बरमूडा और मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी कोषों में अघोषित निवेश किया था। हिंडनबर्ग का दावा है कि यह वही कोष हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अदाणी ने पैसों की हेराफेरी करने और समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतों में इजाफा करने के लिए इस्तेमाल किया था।

बता दें कि विनोद अदाणी, अदाणी ग्रुप के चेयरपर्सन गौतम अदाणी के बड़े भाई हैं। रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि सेबी चेयरपर्सन और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में इनवेस्ट किया है, जिसके द्वारा भारत में अदाणी समूह की कंपनियों में निवेश कराकर अदाणी ने लाभ उठाया था।

आरोपों पर सेबी चेयरपर्सन और उनके पति की सफाई

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद रविवार शाम सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने एक संयुक्त बयान जारी किया। दो पन्नों के अपने बयान में बुच दंपत्ति ने विस्तार से हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए आरोपों पर अपनी बात रखी।

दंपत्ति ने हिंडनबर्ग के आरोपों को नकारते हुए कहा, '' हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में जिस फंड के बारे में बताया जा रहा है उसमें उन लोगों ने साल 2015 में निवेश किया था, जो उनके सेबी में काम करने के लगभग दो साल पहले की बात है। उस दौरान वे दोनों आम नागरिक थे और सिंगापुर में रहते थे।

उन लोगों ने इस फंड में इंवेस्ट करने का फैसला इसलिए लिया था क्योंकि फंड के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर अनिल आहूजा धवल के बचपन के मित्र है। वे दोनों एक दूसरे को स्कूल के समय से जानते हैं। 2018 में आहुजा ने उस फंड हाउस को छोड़ दिया था, जिसके बाद उन्होंने भी जो भी निवेश किया था उसे भुला लिया।

इस दो पन्नों के बयान में अनिल अहुजा ने भी स्पष्ट किया है कि किसी भी समय फंड हाउस ने किसी भी अदाणी ग्रुप की कंपनी के किसी भी बॉन्ड, इक्विटी या डेरिवेटिव में निवेश नहीं किया था। अपने बयान में दंपत्ति ने बताया कि हिंडनबर्ग को भारत में कई नियमों का उल्लंघन करने की वजह से कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था। हिंडनबर्ग ने नोटिस का जवाब ना देकर इस तरह की रिपोर्ट जारी कर सेबी की विश्वनीयता पर सवाल खड़ा किया है।

विपक्ष ने क्या कहा?

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा कि देश के लाखों लोगों की जमापूंजी खरते में है। इस मामले की जांच की जानी चाहिए। उन्होंनें कहा कि इस रिपोर्ट के बाद तीन सवाल उठते हैं।

पहला ये कि आरोप लगने के बाद माधबी पुरी ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया। दूसरा भगवान न करे अगर बाजार में कुछ ऊपर नीचे हुआ तो निवेशकों को अपना पैसा खोना पड़ सकता है, इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। वहीं तीसरा ये कि इससे जुड़े मामले पहले की सुप्रीम कोर्ट में है और अब इस तरह के गंभीर आरोप लगने के बाद क्या सर्वोच्च न्यायालय इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेगी। वहीं तृणमूल कांग्रेस ने सेबी प्रमुख माधबी बुच के इस्तीफे की मांग की है।

अदाणी ग्रुप की प्रतिक्रिया...

हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर अदाणी ग्रुप ने भी प्रतिक्रिया दी है। समूह ने एक बायान जारी करते हुए कहा कि हिंडनबर्ग द्वारा जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वे दुर्भावना से ग्रस्ति हैं । हम अदाणी ग्रुप पर लगाए जा रहे सभी आरोपों को पूर्ण रूप से खारिज करते हैं। हिंडनबर्ग के आरोप उन बेबुनियाद दावों की री-साइकलिंग है जिनकी पूरी तरह से जांच की जा चुकी है।

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