Guna Love Story: प्रेम और जीवन की अनोखी कहानी: आत्महत्या से बचाया, फिर बना लिया जीवनसाथी
Guna Love Story: गुना। कहते हैं कि जीवन में कब, कहां, और कैसे किसी का भाग्य बदल जाए, यह कोई नहीं जानता। गुना जिले में एक ऐसा ही अनोखा और प्रेरणादायक मामला सामने आया है। यहां एक युवक ने आत्महत्या करने जा रही महिला को बचाया और फिर परिस्थितियों ने ऐसा मोड़ लिया कि दोनों ने जीवनसाथी बनने का निर्णय ले लिया।
यह है पूरा मामला
गोपालपुर की रहने वाली काजल सहरिया का वैवाहिक जीवन बेहद कष्टदायक था। उसके पति का व्यवहार उसके प्रति क्रूर था और वह आए दिन उसके साथ मारपीट करता था। इन घरेलू यातनाओं से तंग आकर काजल ने अपनी छोटी बच्ची को साथ लिया और 13 मार्च को गुना के रेलवे ट्रैक पर आत्महत्या करने पहुंच गई। संयोग से उसी वक्त नानाखेड़ी निवासी रामप्रसाद पारदी भी वहां मौजूद थे। जैसे ही उन्होंने काजल को पटरियों पर जाते देखा, उन्होंने तुरंत उसे खींचकर सुरक्षित स्थान पर ले आए। रामप्रसाद ने काजल से इस आत्मघाती कदम का कारण पूछा, तो उसकी दर्दभरी कहानी सुनकर वे द्रवित हो गए।
रामप्रसाद ने दिया नया जीवन
रामप्रसाद की अपनी जिंदगी भी संघर्षों से भरी थी। उनकी पत्नी का करीब 8 महीने पहले टीबी की बीमारी के कारण निधन हो गया था। उनके पास एक बेटा था और वे अकेले ही उसे पाल रहे थे। जब उन्होंने काजल की स्थिति देखी, तो उन्हें महसूस हुआ कि वे दोनों ही अपने-अपने जीवन में अकेले और असहाय हैं। रामप्रसाद ने काजल को अपने घर ले जाने का निर्णय लिया। जब उनके परिवार ने काजल की कहानी सुनी, तो उन्होंने दोनों को एक-दूसरे के जीवन का साथी बनने की सलाह दी। परिस्थितियों को देखते हुए काजल और रामप्रसाद ने एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का फैसला कर लिया।
दोनों ने की शादी
काजल और रामप्रसाद ने एक-दूसरे को पति-पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। हालांकि, इस रिश्ते को कानूनी मान्यता अभी नहीं मिली थी, इसलिए उन्होंने शुक्रवार को कोर्ट जाकर विवाह का अनुबंध (एग्रीमेंट) करवाया। अब दोनों कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया पूरी करने की योजना बना रहे हैं। रामप्रसाद और काजल के इस नए जीवन की शुरुआत को परिवार और समाज ने भी स्वीकार कर लिया। उनके रिश्तेदारों और प्रियजनों ने उन्हें नवदाम्पत्य जीवन की शुभकामनाएं दी हैं। भले ही अभी यह रिश्ता कानूनी रूप से पक्का नहीं हुआ हो, लेकिन दोनों ने एक-दूसरे का साथ निभाने का संकल्प ले लिया है।
इस अनोखी प्रेम कहानी ने यह साबित कर दिया कि जीवन में कोई भी परिस्थिति अंतिम नहीं होती। अगर इंसान को सही समय पर सही सहारा मिल जाए, तो वह मौत को भी पीछे छोड़कर एक नया जीवन शुरू कर सकता है। रामप्रसाद और काजल की यह कहानी साहस, प्रेम, और आशा का प्रतीक बन गई है।
(गुना से सीताराम रघुवंशी की रिपोर्ट)
यह भी पढ़े:
.