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Pharmaceutical Companies के लिए सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन, WHO के मानकों का पालन करने के निर्देश

Pharmaceutical Company: देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवाओं के उत्पादन से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें कहा गया फार्मास्यूटिकल कंपनियों (Pharmaceutical Company) को दवा बनाने में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों का पालन करना होगा। सभी तरह...
02:23 PM Jan 07, 2024 IST | Prashant Dixit
Pharmaceutical Company

Pharmaceutical Company: देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवाओं के उत्पादन से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें कहा गया फार्मास्यूटिकल कंपनियों (Pharmaceutical Company) को दवा बनाने में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों का पालन करना होगा। सभी तरह के दवा निर्माताओं को उत्पादों के गुणवत्ता की जिम्मेदारी भी लेनी होगी। अब से फार्मा कंपनियों को लाइसेंस के मापदंडों के अनुसार ही दवा बनाना होगा। जिन दवाओं को पूरी तरह से टेस्टिंग के बाद ही मार्केट में उतारना होगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन

भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी संशोधित गाइडलाइन में दवाओं को वापस लेने के बारे में भी निर्देश दिए गए है। इसमें स्पष्ट कहा कि खराब दवाओं को वापस लेने से पहले लाइसेंसिंग अथारिटी को सूचित करना होगा। इसके साथ ही दवा को क्यों वापस लिया जा रहा है। इसके बारे में विस्तार से रिपोर्ट सौंपनी होगी। अभी तक किसी भी दवा को वापस लेने से पहले लाइसेंसिंग अथारिटी को जानकारी देने की व्यवस्था नहीं थी। इस फार्मास्यूटिकल कंपनी (Pharmaceutical Company) आदेश में दवा कंपनियों से कहा गया कि वह कंपनी में एक फार्माकोविजिलेंस सिस्टम बनाए।

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फार्माकोविजिलेंस सिस्टम होगा जरूरी

फार्माकोविजिलेंस सिस्टम एक ऐसी निगरानी प्रणाली होगी जो कंपनी की दवाओं की क्वालिटी पर नजर रखेगी। किसी प्रकार की अगर दवा में कमी होगी और वापस लेने की नौबत आती है। तो इसकी भूमिका अहम होगी। यह सिस्टम ही लाइसेंसिंग अथारिटी को रिपोर्ट भी सौंपेगी। यह बताएगी कि दवा में क्या कमी रह गई और सेवन से क्या नुकसान होगा। नई फार्मास्यूटिकल कंपनी (Pharmaceutical Company) गाइडलाइन को 250 करोड़ रुपए से ज्यादा टर्नओवर वाली कंपनियों को छह महीने में पालन करना होगा।

भारतीय दवाओं पर उठ रहे सवाल

इससे कम टर्नओवर वाली कंपनियों को एक साल का वक्त दिया जाएगा। इन दवा कंपनियों के लिए नई फार्मास्यूटिकल कंपनी (Pharmaceutical Company) गाइडलाइन का नोटिस 28 दिसंबर को जारी किया गया था। यह बात शनिवार शाम को मीडिया के सामने आई। भारतीय दवाओं की गुणवत्ता पर बीते कुछ सालों से सवाल उठे हैं। कई देशों ने शिकायत की थी। भारत में तैयार कफ सिरप पीने के बाद बच्चों की मौत हुई है। ग्लोबल मीडिया में भारतीय कफ सिरफ से मौत की खबरें आने के बाद से भारतीय सरकार सक्रिय है।

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