• ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

Heat Warning: तबाही ला सकती है भीषण गर्मी, 23 लाख मौतों की भविष्यवाणी!

एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से यूरोप में 2100 तक 23 लाख लोगों की मौत हो सकती है। जानिए, कैसे जलवायु परिवर्तन बना जानलेवा खतरा?
featured-img

पिछले कई सालों से हम लगातार सुन रहे हैं कि दुनिया के अंत की चेतावनी दी जा रही है। वैज्ञानिक हों या ज्योतिषी, कई बार दुनिया की तबाही की भविष्यवाणी कर चुके हैं। हालांकि, जिस तरह से जलवायु परिवर्तन अपने चरम पर पहुंच रहा है, उससे दुनिया के कई देशों में गंभीर खतरे की स्थिति बन रही है। अब एक नई स्टडी में जो खुलासा हुआ है, वह बेहद चौंकाने वाला है। इस स्टडी के अनुसार, यूरोप पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है, और अगर हालात नहीं बदले तो अगले कुछ दशकों में लाखों लोगों की जान जा सकती है।

23 लाख लोगों की हो सकती है मौत

दरअसल, इस भयावह आंकड़े के पीछे का कारण है भयंकर गर्मी। स्टडी के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन की वजह से यूरोप में बढ़ती गर्मी लाखों लोगों की जान ले सकती है।
यह स्टडी 854 यूरोपीय शहरों में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर आधारित कंप्यूटर सिमुलेशन पर की गई है। इसके नतीजों ने चिंता बढ़ा दी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर स्थिति ऐसी ही बनी रही, तो साल 2100 तक यूरोप में 23 लाख से ज्यादा लोग भीषण गर्मी के कारण अपनी जान गंवा सकते हैं।

कैसे बच सकते हैं लोग?

स्टडी में यह भी बताया गया है कि अगर समय रहते कुछ जरूरी कदम उठाए जाएं, तो मौतों की संख्या को कम किया जा सकता है। इसके लिए वैज्ञानिकों ने कार्बन पॉल्यूशन को नियंत्रित करने और ग्लोबल वॉर्मिंग की रफ्तार को कम करने के लिए कई सुझाव दिए हैं।

ये हो सकते हैं जरूरी कदम

कार्बन उत्सर्जन को कम करना – जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा कारण ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन है। इसे कम करना बहुत जरूरी होगा।
कूलिंग सिस्टम का विस्तार – यूरोप के कई हिस्सों में इनडोर एयर-कूलिंग सिस्टम और कूलिंग सेंटर बनाए जाने चाहिए।
पेड़-पौधों की संख्या बढ़ाना – जंगलों की कटाई रोकनी होगी और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने होंगे।

यूरोप में बदल सकते हैं मौसम के समीकरण

फिलहाल यूरोप अपनी कड़ाके की ठंड के लिए जाना जाता है। यहां कई देशों में महीनों तक बर्फबारी होती है, और कई बार ठंड से भी लोगों की मौत हो जाती है। लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह से बदल सकती है। स्टडी के अनुसार, भविष्य में ठंड के बजाय गर्मी से होने वाली मौतें अधिक होंगी। इस स्टडी को लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने लीड किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो आने वाले 50 से 75 सालों में यूरोप का मौसम पूरी तरह बदल सकता है।

किन देशों पर सबसे ज्यादा असर?

स्टडी में यह भी बताया गया है कि यूरोप के कुछ देश जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। इनमें इटली, स्पेन के दक्षिणी भाग और ग्रीस शामिल हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इन देशों में गर्मी से होने वाली मौतों में भारी उछाल आ सकता है।

क्या कहना है वैज्ञानिकों का?

स्टडी पर काम करने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूरोप को जल्द से जल्द अपने क्लाइमेट पॉलिसी में बदलाव करने होंगे। ग्रीनहाउस गैसों को कम करने के साथ-साथ वहां की सरकारों को कूलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की जरूरत होगी। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो आने वाले दशकों में यह गर्मी लाखों लोगों की जान ले सकती है।

ये भी पढ़ें:Kunal Kamra Summoned: कॉमेडियन कुणाल कामरा को मज़ाक पड़ा भारी, मुंबई पुलिस ने भेजा समन

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज tlbr_img4 वीडियो tlbr_img5 वेब सीरीज