Eidgah Namaz Kashmir: ईदगाह में नमाज नहीं कर पाने और नजरबंद होने पर मीरवाइज ने किया पोस्ट, फैसले की निंदा की
Eidgah Namaz Kashmir: कश्मीर के प्रमुख मौलवी और हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने ईद के दिन कहा कि उन्हें नजरबंद किया गया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने श्रीनगर की ईदगाह और ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में ईद की नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी। परंपरागत रूप से मुसलमान ईदगाह में ईद की नमाज अदा करते हैं लेकिन पिछले सालों से यहां सरकार ने नमाज अदा करने पर रोक लगा दी। उमर फारूक ने ईदगाह और जामिया मस्जिद में नमाज की परमिशन नहीं मिलने पर निंदा की।
मीरवाइज ने एक्स पर किया ट्वीट
फारूक ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मैं बहुत दुखी हूं और अधिकारियों के इस निर्णय की कड़ी निंदा करता हूं कि एक बार फिर कश्मीर के मुसलमानों को ईदगाह और जामा मस्जिद में ईद की नमाज अदा करने के मूल अधिकार से वंचित किया गया। मुझे नजरबंद किया गया। उन्होंने पूछा कि साल 1990 के दशक में जब आतंकवाद चरम पर था, तब भी ईद की नमाज ईदगाह में होती थी। आज तो सब कुछ सही होने के दावे किए जा रहे हैं। फिर मुसलमानों को उनके धार्मिक स्थलों और प्रथाओं से दूर क्यों किया जा रहा है? एजेंडा क्या है? क्या कश्मीरी मुसलमानों की सामूहिक पहचान शासकों के लिए खतरा है?
ईदगाह में नमाज नहीं करने का दुख
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईदगाह और जामा मस्जिद कश्मीर के लोगों की संपत्ति है और ईद के मौके पर उन्हें इन पवित्र स्थलों तक पहुंचने से रोकना कश्मीर में व्याप्त दमनकारी एवं सत्तावादी दृष्टिकोण को दिखाता है। रविवार को जामिया मस्जिद अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति ने ऐलान किया था कि ईद की नमाज श्रीनगर की ऐतिहासिक ईदगाह में सुबह 10 बजे की जाएगी। औकाफ ने कहा था कि खराब मौसम की स्थिति में नमाज श्रीनगर की भव्य मस्जिद में अदा की जाएगी। इसके बाद जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष और बीजेपी नेता दरक्शां अंद्राबी ने रविवार शाम कहा कि निर्माण कार्य के चलते श्रीनगर के ईदगाह में नमाज अदा नहीं की जाएगी।
प्रतिबंध पर बयान जारी नहीं हुआ
उन्होंने कहा कि जिला अधिकारियों और पुलिस ने जामिया मस्जिद और ईदगाह में ईद की नमाज पर प्रतिबंध के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया। जम्मू-कश्मीर पुलिस सीधे उपराज्यपाल के अधीन काम करती है। किसी निर्वाचित सरकार के अधीन नहीं। जानकारी के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में अधिकारियों ने इस्लामी कैलेंडर की सबसे शुभ रातों में से एक शब-ए-कद्र पर श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में नमाज पर रोक लगा दी थी। यह प्रतिबंध पवित्र रमजान महीने के अंतिम शुक्रवार को जुमा-उल-विदा की सामूहिक नमाज पर भी लागू रहे। इसी दिन मीरवाइज को घर में नजरबंध किया गया।
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