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नागपुर हिंसा पर सीएम फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार के बयानों पर तकरार, बीजेपी-एनसीपी में खींचतान

नागपुर हिंसा पर सीएम फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार के बयानों में तकरार। जानिए कैसे बीजेपी और एनसीपी में खींचतान शुरू हो गई।
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नागपुर हिंसा को लेकर महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दंगाइयों से सख्ती से निपटने की बात कही, जबकि डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजित पवार ने मुस्लिम समुदाय को न डराने की अपील की। इस पूरे मामले पर बीजेपी और एनसीपी के नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आई है, जिससे राजनीतिक गलियारों में खींचतान शुरू हो गई है।

सीएम फडणवीस का सख्त रुख

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि हिंसा करने वाला किसी भी धर्म का हो, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, "जो भी समाज को तोड़ने और हिंसा करने का काम करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त हुई संपत्तियों की कीमत दंगाइयों से वसूली जाएगी। अगर वे भुगतान नहीं करते हैं, तो उनकी संपत्तियों को जब्त कर बेचा जाएगा।" सीएम ने यह भी बताया कि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का विश्लेषण करने के बाद अब तक 104 दंगाइयों की पहचान की गई है। इनमें से 12 नाबालिगों सहित 92 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। फडणवीस ने कहा, "पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मेरी सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी, जब तक पुलिस पर हमला करने वाले तत्वों का पता नहीं चल जाता और उनसे सख्ती से निपटा नहीं जाता।"

अजित पवार ने की एकता की अपील

डिप्टी सीएम अजित पवार ने एक इफ्तार पार्टी में अपने बयान में कहा कि भारत विविधता में एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, "हमें किसी भी विभाजनकारी ताकतों के जाल में नहीं फंसना है। हमने अभी होली मनाई है, गुड़ी पड़वा और ईद आने वाली है। ये सभी त्यौहार हमें एक साथ मिलकर मनाने हैं क्योंकि एकता ही हमारी असली ताकत है।"
पवार ने आगे कहा, "मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि आपका भाई अजित पवार आपके साथ है। जो कोई भी हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को आंख दिखाएगा, अगर कोई भी दो गुटों में झगड़ा कराकर अमन-शांति को भंग करेगा और कानून को अपने हाथ में लेता है, चाहे वह कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा, उसे माफ नहीं किया जाएगा।"

सीएम और डिप्टी सीएम के बयान पर प्रतिक्रियाएं

सीएम फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार के बयानों के बीच तनाव बढ़ गया है। जब सीएम से पवार के बयान पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हिंसा करने वालों के साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। इस बीच, शिंदे गुट की शिवसेना के प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "यह बीजेपी और एनसीपी का इंटरनल मामला है। हम मराठी मानुष की पार्टी हैं। हम मराठी लोगों के हित और हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की सोच वाली पार्टी हैं।"

नागपुर हिंसा की पृष्ठभूमि

नागपुर में हुई हिंसा ने पूरे राज्य को हिला दिया है। इस घटना के बाद से ही राजनीतिक दलों के बीच तनाव बढ़ गया है। सीएम फडणवीस ने हिंसा पर काबू पाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं, जबकि डिप्टी सीएम अजित पवार ने शांति और एकता की अपील की है।

क्या है आगे की रणनीति?

महाराष्ट्र सरकार ने हिंसा के मामले में सख्त कार्रवाई का ऐलान किया है। सीएम फडणवीस ने कहा कि दंगाइयों की संपत्ति जब्त की जाएगी और उनसे हुए नुकसान की भरपाई कराई जाएगी। वहीं, अजित पवार ने समाज में एकता बनाए रखने की अपील की है। शिवसेना के शिंदे गुट ने इस मामले को बीजेपी और एनसीपी का आंतरिक मामला बताया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी मराठी मानुष के हितों के लिए काम करती है।

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