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हाई वोल्टेज ड्रामा: दिल्ली मेट्रो में सीट को लेकर बवाल, वीडियो देख लोग बोले- 'ये क्या हो रहा है भाई!'

दिल्ली मेट्रो में सीट को लेकर जोरदार बहस का वीडियो वायरल! एक शख्स और महिला पैसेंजर्स के बीच तीखी नोकझोंक ने सोशल मीडिया पर नैतिकता और लैंगिक समानता पर बहस छेड़ दी है।
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दिल्ली मेट्रो में हर दिन हजारों लोग सफर करते हैं, लेकिन कभी-कभी यहां ऐसी घटनाएं हो जाती हैं जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन जाती हैं। ऐसा ही एक वीडियो इन दिनों जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें सीट को लेकर एक शख्स और महिला पैसेंजर्स के बीच बहस होती नजर आ रही है। इस घटना ने नैतिकता और लैंगिक समानता पर नई बहस छेड़ दी है। ये पूरा मामला जनकपुरी वेस्ट मेट्रो स्टेशन का बताया जा रहा है। वीडियो में एक व्यक्ति मेट्रो में बैठा हुआ दिखता है और जब कुछ महिला पैसेंजर्स उससे सीट मांगती हैं तो वह देने से इनकार कर देता है। यह स्पष्ट नहीं है कि वह महिलाओं की आरक्षित सीट पर बैठा था या नहीं, लेकिन उसने जबरदस्त बहस जरूर छेड़ दी।

'लेडीज बुलाकर इंसल्ट हो रही है!' – शख्स का बयान वायरल

वीडियो में नजर आ रहा है कि मेट्रो में काफी भीड़ है और बीच में बैठा एक शख्स आराम से बैठा हुआ है। कुछ ही देर में सीट को लेकर हंगामा शुरू हो जाता है और बहस तेज हो जाती है। इस दौरान वह शख्स कहता है, "ओह! लेडीज बुलाकर इंसल्ट हो रही है यहां पर।" इस पर वहां खड़े बाकी पैसेंजर्स भी उसकी बात सुनकर हंसने लगते हैं।
वीडियो में साफ दिखता है कि महिला यात्री उसे लगातार सीट देने के लिए कहती हैं, लेकिन वह शख्स यही कहता है कि उसका स्टेशन आने वाला है, इसलिए वह सीट से उठेगा। तभी एक महिला उसे तंज कसते हुए कहती है, "बैठे रहो, किसी और के लिए सीट क्यों छोड़ रहे हो?" जवाब में शख्स कहता है कि उसने सीट छोड़ी नहीं बल्कि उसका स्टेशन आ गया है। इस पर एक दूसरी महिला बोल पड़ती है, "थोड़ा तो बड़प्पन दिखाओ। पूरे कोच में हंगामा मचा दिया। आप तो वायरल हो गए भैया।"

सोशल मीडिया पर छिड़ी नई बहस – कौन सही, कौन गलत?

इस वीडियो को @gharkekalesh नाम के एक्स (Twitter) अकाउंट से शेयर किया गया है और अब तक लाखों लोग इसे देख चुके हैं। वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर दो पक्ष बन गए हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि उस शख्स को महिलाओं को सीट दे देनी चाहिए थी, क्योंकि वे खड़ी थीं और मेट्रो में अक्सर महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है। वहीं, दूसरी तरफ कई लोगों का मानना है कि अगर वह शख्स महिलाओं के लिए आरक्षित सीट पर नहीं बैठा था, तो उसे उठने की जरूरत नहीं थी। कुछ यूजर्स ने इसे लैंगिक समानता से जोड़ते हुए कहा कि अगर महिलाएं समान अधिकार चाहती हैं, तो उन्हें सीट भी अपने दम पर लेनी चाहिए, जबरदस्ती नहीं।
एक यूजर ने कमेंट किया, "अगर महिलाओं के लिए अलग से सीट आरक्षित है और वह वहां नहीं बैठा था, तो फिर इस बहस का कोई मतलब नहीं।" वहीं, दूसरे यूजर ने लिखा, "संस्कृति के नाम पर पुरुषों को हमेशा सीट छोड़ने की सलाह दी जाती है, लेकिन क्या महिलाओं को भी ऐसा करना चाहिए?"

'महिलाओं के लिए अलग सीट है तो फिर क्यों बहस?'

कई लोगों ने इस मुद्दे पर मेट्रो के नियमों का हवाला भी दिया। दिल्ली मेट्रो में महिलाओं के लिए कुछ सीटें आरक्षित होती हैं, लेकिन बाकी सीटें सभी यात्रियों के लिए होती हैं। ऐसे में अगर कोई पुरुष सामान्य सीट पर बैठा हो और उसे उठने के लिए मजबूर किया जाए, तो यह सही नहीं है। हालांकि, इस पूरे मामले में नैतिकता और सामाजिक शिष्टाचार को लेकर बहस छिड़ गई है। जहां कुछ लोग मानते हैं कि किसी बुजुर्ग या जरूरतमंद को सीट देना चाहिए, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि हर किसी को अपनी सुविधा के हिसाब से सफर करने का हक है।

'अब मेट्रो भी नहीं बची बहस से!'

दिल्ली मेट्रो में अक्सर सीट को लेकर छोटे-मोटे विवाद होते रहते हैं, लेकिन यह मामला इसलिए खास बन गया क्योंकि यह नैतिकता बनाम अधिकार की बहस छेड़ रहा है। इस तरह के मामलों में हर किसी का अपना नजरिया होता है, लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद एक बात तो साफ है – सोशल मीडिया पर इस तरह के विवाद खूब सुर्खियां बटोरते हैं।

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