दिल्लीवासियों को लगेगा बिजली का तगड़ा झटका, जानें मंत्री आशीष सूद ने क्या बताया?
Delhi Electricity Price Hike: दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में लौटी भारतीय जनता पार्टी (BJP) का पहला बजट मंगलवार, 25 मार्च 2025 को पेश होने वाला है। लेकिन इससे पहले ही बिजली मंत्री आशीष सूद ने एक ऐसा बयान दे दिया है, जिसने दिल्लीवालों की नींद उड़ा दी। सूद ने साफ कहा कि बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी तय है और इसका ठीकरा उन्होंने पिछली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के सिर फोड़ दिया। यह सियासी ड्रामा न सिर्फ बिजली बिल की चिंता लेकर आया है, बल्कि BJP के चुनावी वादों पर भी सवाल खड़े कर रहा है। आइए, इस खबर को रोचक अंदाज़ में समझते हैं।
27,000 करोड़ का कर्ज कैसे हुआ?
आशीष सूद ने 24 मार्च 2025 को दिल्ली विधानसभा में खुलासा किया कि AAP सरकार ने दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (DERC) के ज़रिए डिस्कॉम कंपनियों पर 27,000 करोड़ रुपये का रेगुलेटरी एसेट्स का कर्ज छोड़ दिया। यह कर्ज बिजली कंपनियों के लिए एक भारी बोझ बन गया है, जिसे वसूलने के लिए अब बिजली दरें बढ़ाने की तैयारी है। सूद ने कहा, "पिछली सरकार के वक्त दिल्ली हाई कोर्ट ने DERC को टैरिफ ऑर्डर जारी करने का निर्देश दिया था, लेकिन AAP ने जनता के हितों की रक्षा नहीं की। अब यह कर्ज़ वसूलने के लिए डिस्कॉम को दरें बढ़ाने की छूट है।" साफ है, BJP इस कर्ज को AAP की "गलती" बताकर खुद को बचाने की कोशिश में है।
बिजली बिल में बढ़ोतरी: कब और कितनी?
सूद ने साफ शब्दों में कहा, "आने वाले वक्त में बिजली की कीमतें बढ़ेंगी।" लेकिन यह बढ़ोतरी कब और कितनी होगी, इसका कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया। उन्होंने यह ज़रूर जोड़ा कि सरकार DERC के साथ लगातार संपर्क में है और स्थिति पर नज़र रख रही है। सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ सियासी बयानबाज़ी है, या वाकई दिल्लीवासियों की जेब पर नया बोझ पड़ने वाला है? सूद ने यह भी तंज कसा कि "कुछ लोग इस बढ़ोतरी को अपने राजनीतिक फायदे के लिए चाहते हैं।" यह निशाना AAP की ओर था, जो अब विपक्ष में बैठकर BJP पर हमले तेज़ कर रही है।
300 यूनिट फ्री का वादा: हवा में उड़ा?
BJP ने 2025 के विधानसभा चुनाव में दिल्लीवालों से वादा किया था कि हर घर को 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी। लेकिन सत्ता में आने के दो महीने बाद भी इस वादे पर अमल नहीं हुआ। न तो कोई योजना सामने आई, न ही कोई समयसीमा बताई गई। उल्टा, बिजली दरें बढ़ने की बात ने लोगों को हैरान कर दिया। AAP की नेता और पूर्व CM अतिशी ने तंज कसा, "BJP ने कहा था कि 8 मार्च तक हर महिला को 2,500 रुपये मिलेंगे और 300 यूनिट बिजली फ्री होगी। न पैसा मिला, न बिजली। अब बिल बढ़ाने की बात कर रहे हैं।" यह सियासी जंग अब बिजली के तारों से चिंगारी निकाल रही है।
सियासत का खेल: दोषारोपण की जंग
BJP का दावा है कि AAP ने 10 साल में बिजली व्यवस्था को कर्ज़ के भंवर में डुबो दिया। सूद ने कहा कि "हम इस संकट को संभालने की कोशिश कर रहे हैं।" दूसरी ओर, AAP का पलटवार है कि BJP जनता को ठग रही है। अतिशी ने कहा, "हमने दिल्ली को सबसे सस्ती बिजली दी। BJP अब महंगाई ला रही है और अपने वादे भूल गई।" यह बहस अब विधानसभा से सड़क तक पहुँच गई है, और जनता के बीच असमंजस बढ़ता जा रहा है।
दिल्लीवासियों की चिंता: राहत कब?
बिजली की बढ़ती कीमतों की खबर ने दिल्लीवालों को परेशान कर दिया है। खासकर मध्यम वर्ग, जो पहले ही महंगाई से जूझ रहा है, के लिए यह एक और झटका हो सकता है। सरकार का कहना है कि वह DERC के साथ मिलकर कोई रास्ता निकालेगी, लेकिन अभी तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। क्या यह कर्ज़ की वसूली जनता की जेब से होगी, या BJP अपने वादों को पूरा करने के लिए कोई जादू करेगी? यह सवाल अभी हवा में लटका है।
बिजली का झटका या सियासी ड्रामा?
दिल्ली का यह बिजली संकट सिर्फ बिलों की बात नहीं, बल्कि सत्ता के खेल का मैदान बन गया है। BJP जहां AAP के कंधों पर दोष मढ़ रही है, वहीं AAP इसे BJP की नाकामी बता रही है। बीच में पिस रही है दिल्ली की जनता, जो फ्री बिजली के सपने देखते-देखते अब बढ़े हुए बिलों की चिंता में डूब गई है। कल का बजट शायद कुछ जवाब दे, लेकिन तब तक यह साफ है कि दिल्ली में बिजली का यह झटका सियासत को और गरमा देगा। क्या आपको भी लगता है कि बिल बढ़ेगा? जवाब का इंतज़ार DERC और सरकार के अगले कदम पर टिका है!
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