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दिल्ली के ब्रह्मपुरी में मस्जिद विस्तार को लेकर तनाव बढ़ा, घरों में लगे मकान बिकाऊ के पोस्टर्स, पुलिस सतर्क

ब्रह्मपुरी की अल मतीन मस्जिद के विस्तार को लेकर हिंदू-मुस्लिम समुदायों में बढ़ता तनाव, 'मकान बिकाऊ है' पोस्टर्स से माहौल गरमाया।
01:06 PM Mar 05, 2025 IST | Rohit Agrawal

Delhi Brahmpuri Mosque: उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ब्रह्मपुरी इलाके में अल मतीन मस्जिद के प्रवेश द्वार के निर्माण को लेकर विवाद बढ़ गया है। हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर पुलिस ने इलाके में गश्त तेज कर दी है। हालात पर काबू पाने के लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) और पुलिस प्रशासन स्थिति (Delhi Brahmpuri Masjid Vivad) पर कड़ी नजर रखे हुए हैं, लेकिन स्थानीय निवासियों में असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है।

क्या है ब्रह्मपुरी मस्जिद निर्माण विवाद?

नवंबर 2023 में मस्जिद के नए प्रवेश द्वार के निर्माण को लेकर शिकायत दर्ज की गई थी, जिसके बाद निर्माण कार्य को रोक दिया गया था। लगभग एक साल बाद, नवंबर 2024 में मस्जिद ट्रस्ट ने दिल्ली नगर निगम से मंजूरी प्राप्त कर ली और फरवरी 2025 में दोबारा निर्माण शुरू कर दिया। हालांकि, 13 फरवरी को एक नई शिकायत दर्ज कराई गई, जिसमें इसे अवैध निर्माण बताया गया। इस शिकायत के बाद मस्जिद प्रशासन और स्थानीय निवासियों के बीच तनाव बढ़ने लगा। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मस्जिद प्रबंधन ने अस्थायी रूप से निर्माण कार्य रोकने पर सहमति जताई। इसके बावजूद, 18 फरवरी को MCD ने कारण बताओ नोटिस जारी कर निर्माण कार्य पर फिर से रोक लगा दी।

पथराव के भी लगे थे आरोप

3 मार्च को 21 स्थानीय निवासियों ने पुलिस से शिकायत की कि 2-3 मार्च की रात को इलाके में पथराव की घटना हुई। पुलिस ने इस मामले (Delhi Brahmpuri Masjid Vivad) की जांच के लिए CCTV फुटेज का विश्लेषण किया, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिला। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि इस घटना से जुड़ी कोई भी पीसीआर कॉल दर्ज नहीं की गई थी। हालांकि, इलाके की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने निगरानी बढ़ा दी है।

‘मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर से छिडा हिंदू पलायन का मुद्दा

बता दें कि तनाव बढ़ने के साथ हिंदू समुदाय के कई परिवारों ने अपने घरों पर ‘मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर लगा दिए हैं। खासकर शिव मंदिर के निकट रहने वाले परिवारों में भय का माहौल है। 60 वर्षीय राधा वर्मा, जो इस इलाके में वर्षों से रह रही हैं, ने कहा कि उन्हें 2020 के दंगों की यादें डराती हैं। उन्होंने बताया कि उस दौरान उनकी गर्भवती बहू की सुरक्षा को लेकर वे बेहद चिंतित थीं।

वहीं एक अन्य निवासी पंडित शंकर ने भी इसी तरह की चिंता जताई। उन्होंने कहा, "हम यहां लंबे समय से रह रहे हैं, लेकिन अब माहौल बदल रहा है। हम कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते।" वहीं, 40 वर्षीय सुशीला का कहना है कि "गली पहले से ही संकरी है, और मस्जिद के विस्तार से विवाद (Delhi Brahmpuri Masjid Vivad) और बढ़ सकता है।"

मामले पर मस्जिद मैनेजमेंट और मुस्लिम पक्ष की राय?

मुस्लिम बहुल लेन नंबर 13 के निवासियों ने मस्जिद के विस्तार का समर्थन किया है। स्थानीय निवासी साहिल ने कहा कि "हमने मस्जिद के विस्तार के लिए पैसे इकट्ठा किए हैं क्योंकि यहां जगह की कमी है। जुमे की नमाज के दौरान कई लोगों को सड़क पर नमाज अदा करनी पड़ती है, जिससे यातायात प्रभावित होता है। साहिल ने यह भी स्पष्ट किया कि नए प्रवेश द्वार को लेकर फैलाई जा रही अफवाहें गलत हैं। उन्होंने कहा कि "लेन नंबर 13 पर स्थित मौजूदा गेट ही मस्जिद का एकमात्र प्रवेश द्वार रहेगा।"

MCD ने मस्जिद विस्तार पर लगाई रोक

दिल्ली नगर निगम ने फिलहाल मस्जिद के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है, लेकिन तनाव पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। वहीं पुलिस प्रसाशन भी मामले पर पूरी नज़र बनाए हुए है। मंगलवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक इलाके में बैरिकेडिंग कर दी गई और गली को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया।

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