दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र 24 फरवरी से, पेश होगी CAG रिपोर्ट
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद पहली बार विधानसभा सत्र बुलाया गया है। यह सत्र 24 से 27 फरवरी तक चलेगा, जिसमें नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी और कैग (CAG) रिपोर्ट पेश की जाएगी। इस रिपोर्ट में शीशमहल, कथित शराब घोटाले समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
पहले सत्र में क्या होगा खास?
बता दें कि इस तीन दिवसीय सत्र की शुरुआत विधायकों की रायशुमारी से होगी, जिसके बाद प्रोटेम स्पीकर का चयन किया जाएगा। इसके बाद सभी निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। वहीं तीसरे दिन यानी 27 फरवरी को सदन में CAG रिपोर्ट पेश की जाएगी। जिसमें केजरीवाल सरकार के कार्यकाल के वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा होने की संभावनाएं हैं।
CAG रिपोर्ट से बढ़ सकती हैं केजरीवाल की मुश्किलें
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए यह सत्र मुश्किलें बढ़ा सकता है। पिछले 5 साल से लंबित CAG रिपोर्ट को पेश करने की तैयारी है, जिसमें शीशमहल निर्माण और कथित शराब घोटाले से जुड़े दस्तावेज शामिल होंगे। ऐसा माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार के इन मामलों को लेकर बीजेपी सरकार आप सरकार को घेरने की तैयारी में है।
PM मोदी ने भी किया था दावा
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की बंपर जीत के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पिछली सरकार के कथित भ्रष्टाचार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, “ये ‘आपदा’ लोग अपने घोटालों को छिपाने के लिए हर दिन नई साजिश रचते थे, लेकिन अब दिल्ली का जनादेश मिल गया है। मैं गारंटी देता हूं कि सीएजी रिपोर्ट पहले ही विधानसभा सत्र में पेश की जाएगी। भ्रष्टाचार के हर तार की जांच होगी और जिसने भी लूटा है, उसको लौटाना पड़ेगा।” यह बयान नई सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।। उन्होंने यह भी कहा था कि दिल्ली को शराब घोटालों ने बदनाम किया और जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी, तब शीशमहल बनाया जा रहा था।
CM रेखा गुप्ता का एक्शन मोड जारी
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता लगातार एक्शन मोड में हैं। उन्होंने आतिशी सरकार के सभी निजी स्टाफ को बर्खास्त कर दिया है। इसके अलावा, AAP सरकार के कार्यकाल में जिन अधिकारियों और कर्मचारियों को दूसरे विभागों में नियुक्त किया गया था, उन्हें भी हटा दिया गया है।
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