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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: इन 5 आंकड़ों से जानिए कौन बनाएगा दिल्ली में सरकार!

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में एग्जिट पोल के बजाय, जानिए 5 अहम आंकड़ों से कौन बनाएगा दिल्ली में सरकार! स्विंग वोटर्स, कांग्रेस की वापसी और महिलाओं के वोट का प्रभाव।
12:34 AM Feb 06, 2025 IST | Girijansh Gopalan
दिल्ली में किसकी बनेगी सरकार?

दिल्ली विधानसभा चुनावों में अब तक एग्जिट पोल (Exit Poll) के नतीजे सामने आ रहे हैं, लेकिन पिछले चुनावों में एग्जिट पोल के आंकड़े ज्यादा बार सही साबित नहीं हुए हैं। तो, इस बार हम आपको दिल्ली की राजनीति की कुछ अहम बातें बताते हैं, जिन्हें देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिरकार दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी। हम बात करेंगे दिल्ली की राजनीति के 5 सबसे अहम आंकड़ों की, जिनसे साफ पता चलेगा कि इस बार दिल्ली में सत्ता किसकी होगी।

1. कांग्रेस को 15 लाख वोट मिलने पर होगा खेल

दिल्ली में इस बार कांग्रेस भी चुनावी मैदान में पूरी ताकत से उतरी है। हालांकि, 2013 के बाद कांग्रेस का वोट बैंक आम आदमी पार्टी (AAP) की तरफ शिफ्ट हो गया था, लेकिन अब कांग्रेस अपनी पुरानी स्थिति को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रही है। 2020 में कांग्रेस को सिर्फ 2 लाख वोट मिले थे, लेकिन अगर इस बार कांग्रेस अपना वोट बैंक वापस हासिल करती है और 15 लाख के आसपास वोट प्राप्त करती है, तो इसका सीधा असर आम आदमी पार्टी (AAP) पर पड़ सकता है।
कांग्रेस की इस वापसी से आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि दिल्ली में यह चुनाव मुख्य रूप से बीजेपी और AAP के बीच ही देखा जा रहा है। अगर कांग्रेस ज्यादा सीटों पर बढ़त बनाती है, तो बीजेपी और AAP दोनों के लिए यह एक बड़ा सिरदर्द बन सकता है।

2. दलित और मुस्लिम बहुल सीटों पर बीजेपी की रणनीति

दिल्ली विधानसभा में 12 सीटें दलितों के लिए आरक्षित हैं। इसके साथ ही, दिल्ली की 8 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिमों का दबदबा है। यानी, कुल 20 सीटों का चुनाव दलित और मुस्लिम समुदाय तय करते हैं। इन सीटों पर बीजेपी की नजरें हमेशा से रही हैं। इस बार बीजेपी ने इन सीटों पर अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए एक रणनीति बनाई है। बीजेपी ने खासतौर पर करोल बाग जैसी दलित सीटों पर दुष्यंत गौतम को मैदान में उतारा है, और मुस्लिम बहुल सीटों पर मोहन सिंह विष्ट को मैदान में उतारा है।
अगर बीजेपी इन 20 सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करती है या इन सीटों का वोट विभाजित होता है, तो बीजेपी के लिए दिल्ली की राह आसान हो सकती है। कुल मिलाकर, ये 20 सीटें दिल्ली में सत्ता की कुंजी बन सकती हैं।

3. स्विंग वोटर्स का रोल: जिधर जाएंगे, उधर होगा खेल

दिल्ली में करीब 15 से 20 फीसदी स्विंग वोटर्स हैं, जो चुनावों में अपना वोट पार्टी के आधार पर नहीं, बल्कि मुद्दों के आधार पर बदलते हैं। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में हम देख चुके हैं कि स्विंग वोटर्स ने किस तरह से नतीजों को बदल दिया। जब स्विंग वोटर्स एक तरफ जाते हैं, तो वो पार्टी चुनावी नतीजों में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।इस बार भी स्विंग वोटर्स की भूमिका अहम हो सकती है। अगर स्विंग वोटर्स का रुख किसी एक पार्टी की तरफ जाता है, तो वही पार्टी दिल्ली में सत्ता स्थापित कर सकती है। इसलिए, यह आंकड़ा इस बार भी बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

4. महिलाएं और नए वोटर्स का अहम योगदान

दिल्ली चुनावों में महिलाओं और नए वोटर्स की अहम भूमिका है। इस बार के चुनाव प्रचार में महिलाओं को खासतौर पर केंद्रित किया गया है। आम आदमी पार्टी ने महिलाओं के लिए कई बड़े वादे किए हैं, जिसमें 2100 रुपए प्रतिमाह सम्मान राशि और अन्य लाभ शामिल हैं। साथ ही, दिल्ली में महिला वोटर्स की संख्या करीब 67 लाख है, जिसमें से लगभग 40 लाख के वोट पड़ने की संभावना है।इसके अलावा, नए वोटर्स की संख्या भी 4 लाख से अधिक है, जिनमें ज्यादातर छात्र हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इन वोटर्स को आकर्षित करने की पूरी कोशिश की है। महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में महिलाओं ने जिस पार्टी के पक्ष में एकतरफा वोट किया, वही पार्टी वहां जीत गई। दिल्ली में भी ऐसा हो सकता है।

5. पुराने आंकड़े: क्या AAP की जीत की राह आसान होगी?

दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर है। AAP ने 2015 में सबसे ज्यादा 67 सीटों पर जीत हासिल की थी और 2020 में इसे 62 सीटों पर जीत मिली थी। दूसरी ओर, बीजेपी को 2015 में सिर्फ 3 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन 2020 में पार्टी ने 8 सीटों पर विजय प्राप्त की थी।बीजेपी का सबसे अच्छा प्रदर्शन 1993 में रहा था, जब उसे 49 सीटें मिलीं। वहीं, 1998 और 2008 में बीजेपी को सिर्फ 15 और 23 सीटों पर ही जीत मिली थी। इन पुराने आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है कि AAP इस बार फिर से अपने 62-67 सीटों की सीमा को तोड़ने की कोशिश करेगी, जबकि बीजेपी 2015 और 2020 के नतीजों से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करेगी।

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