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Sanjay Bhandari Case: संजय भंडारी को भगोड़ा घोषित करना ठीक नहीं, कोर्ट ने ईडी से 3 मई तक मांगा जवाब

Sanjay Bhandari Case: हथियार डीलर संजय भंडारी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उसे काले धन के मामले में भगोड़ा घोषित करने के मामले में कोर्ट में दलील दी गई।
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Sanjay Bhandari Case: हथियार डीलर संजय भंडारी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उसे काले धन के मामले में भगोड़ा घोषित करने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में दलील दी गई। वकील की ओर से दिल्ली की एक कोर्ट में दाखिल की गई अर्जी में कहा गया कि संजय को भगोड़ा कहना गलत है। संजय भंडारी के वकील का कहना है कि ईडी की भगोड़ा घोषित करने की मांग सहीं नहीं है। भंडारी ने दावा किया कि ब्रिटेन में उसका रहना वैध है, क्योंकि लंदन हाई कोर्ट ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया है।

इंग्लैंड की अदालत ने प्रत्यर्पित की मांग खारिज की

संजय भंडारी ने मामले में लंदन हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इंग्लैंड की एक अदालत ने बीते 11 अप्रैल को करोड़ों रुपए के चावल खरीद घोटाले में एक अन्य आरोपी को प्रत्यर्पित करने के भारत सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया था। वहीं, हाल ही में बेल्जियम में गिरफ्तार किए गए भगोड़े भारतीय हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी ने भी भारत प्रत्यर्पित करने का विरोध करते हुए लंदन हाईकोर्ट के उक्त आदेश का हवाला दिया। भारत चोकसी को कथित 13,000 करोड़ रुपए के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा चलाने के लिए वापस लाना चाहता है।

जबरन वसूली का बताया खतरा

संजय भंडारी का नाम कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ धन शोधन मामले में ईडी की जांच में भी सामने आया। लंदन हाई कोर्ट ने भंडारी की उस अपील को फरवरी में स्वीकार कर लिया था जिसमें उसने टैक्स चोरी और धन शोधन के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित करने को चुनौती दी थी। कोर्ट ने कहा था कि तिहाड़ जेल में उसे जबरन वसूली का खतरा होगा, साथ ही अन्य कैदियों और जेल अधिकारियों की तरफ से उसे धमकी भी दी जा सकती है साथ ही उसके साथ हिंसा भी हो सकती है। इस महीने की शुरुआत में ब्रिटेन के हाई कोर्ट ने भी भारत सरकार द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था। इसमें उसके आदेश के खिलाफ ब्रिटेन के सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने की अनुमति मांगी गई थी।

Sanjay Bhandari Case

ब्रिटेन में रहना अवैध नहीं

भंडारी ने बीते 19 अप्रैल को अपने वकील के जरिए से जज संजीव अग्रवाल के समक्ष दिए गए फैसलों का हवाला देते हुए ये दलीलें दीं। वकील ने दावा किया ‘उनके मुवक्किल के ब्रिटेन में रहने को अवैध नहीं कहा जा सकता, क्योंकि उसे ब्रिटेन में रहने का कानूनी अधिकार है और भारत सरकार ब्रिटेन की अदालत के फैसले से बंधी हुई है। भंडारी कानूनी रूप से वहां रह रहा है और ऐसी स्थिति में उसे भगोड़ा घोषित करना कानूनी रूप से गलत है’।

ED के आवेदन को बताया गलत

भंडारी के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने दावा किया कि ईडी का आवेदन अस्पष्ट, गलत और अधिकार क्षेत्र से बाहर है क्योंकि यह भगोड़ा अपराधी अधिनियम की शर्तों को पूरा नहीं करता। सिंह ने दावा किया कि भगोड़ा अपराधी अधिनियम के अनुसार, अनुसूचित अपराध (वर्तमान मामले में भंडारी के खिलाफ काले धन का मामला) 100 करोड़ रुपये या उससे अधिक के गबन का होनी चाहिए ताकि किसी व्यक्ति को भगोड़ा घोषित किया जा सके। दिल्ली की कोर्ट ने ईडी से भंडारी की दलील पर 3 मई तक जवाब मांगा है।

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