Divorce Alimony: चहल देंगे 4.75 करोड़ की एलिमनी, जानिए गुजारा भत्ता तय होने का तरीका; क्या पुरुष भी ले सकते हैं?
Divorce Alimony Calculation Process: क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और कोरियोग्राफर धनश्री वर्मा के बीच डाइवोर्स का मामला (Chahal Dhanashree divorce alimony) एक बार फिर सुर्खियों में है। बता दें कि 20 मार्च 2025 को बांद्रा फैमिली कोर्ट में दोनों ने तलाक की स्याही पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस आपसी सहमति वाले तलाक में चहल ने धनश्री को 4 करोड़ 75 लाख रुपये की मोटी रकम एलिमनी के तौर पर देने का वादा किया है, जिसमें से आधे से ज्यादा का भुगतान हो चुका है। इस खबर ने हर किसी को चौंका दिया और सवाल उठने लगे कि आखिर तलाक का गुजारा भत्ता तय कैसे होता है? और क्या पुरुष भी इसे हासिल कर सकते हैं? चलिए, इसकी कहानी को रोचक अंदाज में खंगालते हैं।
क्या हुई चहल-धनश्री के बीच डील?
दरअसल चहल (yuzvendra chahal) और धनश्री गुरुवार को अपने डिवोर्स पेपर पर साइन करने कोर्ट पहुंचे, जहां मजिस्ट्रेट ने उनकी शादी को खत्म करने की मुहर लगा दी। वकील ने बताया कि तलाक की शर्तों में चहल ने धनश्री को 4.75 करोड़ रुपये देने की हामी भरी। अब तक 2 करोड़ 37 लाख 55 हजार रुपये धनश्री के खाते में पहुंच चुके हैं और बाकी जल्द ही देना होगा। चहल की मोटी कमाई और धनश्री का कोरियोग्राफी करियर देखते हुए यह राशि चर्चा का विषय बन गई। लेकिन यह रकम कोर्ट ने नहीं, बल्कि दोनों ने आपसी समझौते से तय की। तो सवाल है, जब कोर्ट फैसला लेता है, तो एलिमनी का हिसाब-किताब कैसे लगता है?
कैसे तय होता है गुजारा भत्ता?
भारत में तलाक का गुजारा भत्ता तय करना (Divorce Alimony Calculation) कोई आसान पहेली नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के वकील आशीष पांडे बताते हैं कि इसके लिए कोई फिक्स कैलकुलेटर नहीं है। कोर्ट जेब टटोलता है—पति-पत्नी की कमाई, संपत्ति, और आगे की संभावनाएं देखता है। मिसाल के तौर पर, अगर कोई महिला 10 साल से घर संभाल रही है, बच्चों को पाल रही है, और नौकरी छोड़ चुकी है, तो उसका हक बनता है। कोर्ट पति की मोटी तनख्वाह देखेगा और कहेगा, "भाई, तू कमाता है, इसे इतना दे कि इसका जीवन न पटरी से उतरे।
वहीं, अगर दोनों की कमाई बराबर है—मान लो 50-50 हजार रुपये महीने—तो कोर्ट कह सकता है, "दोनों अपने पैरों पर खड़े हैं, एलिमनी की क्या जरूरत?" लेकिन अगर बच्चों का खर्च एक पर ज्यादा है, तो थोड़ी मदद का ऑर्डर हो सकता है। शादी में जो जीवनशैली थी, उसे बनाए रखने की कोशिश, त्याग की कीमत, और कानूनी खर्च भी इस खेल का हिस्सा हैं। अगर पति कर्ज में डूबा है, तो वह भी राहत का पॉइंट बन सकता है।
क्या पुरुष को भी एलिमनी मिल सकती है?
अब बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या पुरुष भी एलिमनी कि मांग कर सकता है, तो आपको बता दें इसका ज़बाब है हां! दअरसल हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 24 और 25 कहती हैं कि पति भी गुजारा भत्ता ले सकता है, लेकिन यह आसान नहीं है। उसे कोर्ट में यह साबित करना होगा कि वह पत्नी पर आर्थिक रूप से निर्भर था। जैसे, कोई बीमारी या विकलांगता ने उसे कमाने लायक नहीं छोड़ा। मिसाल के लिए, अगर पत्नी CEO है और पति घर संभाल रहा था, तो कोर्ट उसकी सुन सकता है। 2019 में दिल्ली हाई कोर्ट ने ऐसा ही एक फैसला दिया था। पर सच कहें, तो हमारे समाज में पुरुषों का यह हक मांगना अभी भी अजूबा सा लगता है।
4.75 करोड़ की एलिमनी क्यों?
बता दें कि चहल की कमाई करोड़ों में है, और धनश्री भी यूट्यूब समेत डांस से अच्छा कमा लेती हैं। फ़िर भी धनश्री द्वारा इतनी बड़ी रकम क्यूं ली गई। जानकारों का मानना है कि यह राशि चहल की भारी-भरकम संपत्ति और धनश्री की लाइफस्टाइल को देखते हुए तय हुई होगी। आपसी सहमति ने कोर्ट को फैसले की मेहनत से बचा लिया। सुप्रीम कोर्ट कहता है कि एलिमनी मदद के लिए है, सजा के लिए नहीं। शायद चहल ने भी यही सोचकर यह रकम दी। लेकिन यह मामला बताता है कि तलाक की मेज पर पैसा और भावनाएं दोनों दांव पर लगते हैं।
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