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तो इस कारण से हादसे का शिकार हुआ था देश के पहले CDS बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर, संसद में पेश हुई रिपोर्ट

8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के कन्नूर में एक हेलीकॉप्टर हादसे में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया था।
10:16 AM Dec 20, 2024 IST | Vyom Tiwari
सीडीएस बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हुआ था।

साल 2021 में देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया था। इस दुखद घटना में उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 12 लोगों की जान चली गई थी। उस समय इस हादसे को लेकर कई अटकलें और दावे सामने आए थे। अब इस घटना के 3 साल बाद संसद की स्थायी समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट लोकसभा में पेश की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर मानवीय गलती की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।

2021-22 में 9 विमान हुए दुर्घटनाग्रस्त 

बिपिन रावत की मौत के मामले में बनी संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 8 दिसंबर 2021 को हुई एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर हादसा मानवीय चूक की वजह से हुआ था। इस हादसे में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और कई अन्य सैन्यकर्मी मारे गए थे। यह घटना तमिलनाडु के कुन्नूर के पास हुई थी जब उनका हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

संसद में मंगलवार को पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया कि 13वीं रक्षा योजना के दौरान भारतीय वायुसेना के कुल 34 विमान हादसों का सामना कर चुके हैं। इनमें 2021-22 में 9 विमानों की दुर्घटनाएं हुईं, जबकि 2018-19 में सबसे ज्यादा 11 हादसे दर्ज किए गए। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इन हादसों की मुख्य वजह ‘मानवीय चूक’ रही है।

Mi-17V5 हेलीकॉप्टर में थे सवार 

जनरल बिपिन रावत जिस Mi-17V5 हेलीकॉप्टर में सफर कर रहे थे, वह खासतौर पर वीवीआईपी लोगों के लिए बनाया गया है। यह हेलीकॉप्टर दो इंजन के साथ आता है और दुर्गम इलाकों में सेना इसका इस्तेमाल करती है। इसे दुनिया के सबसे आधुनिक ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टरों में गिना जाता है। सेना इस हेलीकॉप्टर का उपयोग जवानों और हथियारों को ले जाने, फायर सपोर्ट देने, गश्त करने और सर्च-एंड-रेस्क्यू जैसे मिशनों के लिए करती है।

सिर्फ ग्रुप कैप्टन वरुण जिंदा बचे थे

इस हादसे में सिर्फ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही जिंदा बच पाए थे लेकिन इलाज के दौरान एक हफ्ते बाद उनका भी निधन हो गया। उन्हें गंभीर जलन की वजह से तमिलनाडु के कन्नूर के वेलिंगटन से बेंगलुरु के एक सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उनकी जान बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन जीवन रक्षक उपकरणों पर रहने के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।

 

 

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