रात भर इंतजार के बाद भी पाक ने नहीं सौंपा BSF का जवान, क्या कयामत को दावत दे रहे हैं जनरल असीम मुनीर?
BSF jawan detained by Pakistan: पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने पहले ही भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा रखा है। जिसमें लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर 25 अप्रैल को पाकिस्तानी गोलीबारी ने घटना में आग में घी का काम किया। वहीं दूसरी ओर भारतीय सुरक्षाबल BSF का एक जवान कॉन्स्टेबल पीके सिंह गलती से फिरोजपुर सीमा पार कर पाकिस्तानी रेंजर्स के कब्जे में चले गए। रात भर फ्लैग मीटिंग के बावजूद पाकिस्तान ने उन्हें रिहा नहीं किया, जिससे भारत में गुस्सा भड़क रहा है। पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर की यह चाल कयामत को दावत दे सकती है।
क्या है मामला और पाकिस्तान क्यों कर रहा देरी?
दरअसल 23 अप्रैल को पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में 182वीं BSF बटालियन के कॉन्स्टेबल पीके सिंह किसानों के साथ ड्यूटी पर थे। वह अपनी पेट्रोलिंग के दौरान तपती धूप में पेड़ की छांव खोज रहे थे। और वे इस तलाश में बॉर्डर क्रॉस कर गलती से पाक के एरिया में घुस गए। तभी पाक रेंजर्स ने उन्हें सर्विस राइफल के साथ पकड़ लिया। जिसके बाद BSF और रेंजर्स के बीच दो फ्लैग मीटिंग हुईं, लेकिन शुक्रवार सुबह तक रिहाई नहीं हुई। पाकिस्तानी मीडिया ने पीके सिंह की आंखों पर पट्टी बांधे तस्वीरें जारी कीं, जिसे भारत ने उकसावे की कार्रवाई माना। आमतौर पर ऐसे मामले कूटनीतिक प्रोटोकॉल से जल्द सुलझ जाते हैं, लेकिन पहलगाम हमले के बाद तनाव ने इसे और जटिल बना दिया है।
घटना ने अभिनंदन की दिलाई याद
2019 में भारतीय पायलट अभिनंदन वर्धमान की रिहाई के लिए भारत ने सैन्य और कूटनीतिक दबाव बनाया था। पाकिस्तानी सांसद अयाज सादिक ने खुलासा किया था कि तत्कालीन सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के “पैर कांप रहे थे” जब भारत ने हमले की चेतावनी दी थी। इस बार भी भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। घटना के बाद से ही X पर #BringBackPKSingh ट्रेंड कर रहा है, और लोग सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। भारत ने चेतावनी दी कि जवान की रिहाई में देरी बर्दाश्त नहीं होगी।
असीम मुनीर की चाल से बर्बाद होगा पाक
पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर इस घटना को तनाव बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि रोकी, अटारी बॉर्डर बंद किया, और राजनयिक संबंध घटाए। पाकिस्तान ने जवाब में भारतीय उड़ानों के लिए एयरस्पेस बंद किया।
लेकिन जवान की हिरासत में देरी उनकी कमजोर रणनीति दिखाती है। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 में भारत चौथे और पाकिस्तान 12वें स्थान पर है। भारत का सैन्य दबाव और आर्थिक प्रतिबंध मुनीर के लिए भारी पड़ सकते हैं।
पाकिस्तान खुद अपने पैरों पर मार रहा कुल्हाड़ी
अगर तनाव बढ़ा, तो पाकिस्तान के लिए मुश्किलें दोगुनी होंगी। तहरीक-ए-तालिबान और बलोच विद्रोही पहले से सक्रिय हैं। भारत के साथ टकराव से इन समूहों को पाक सेना पर हमले का मौका मिलेगा। PM मोदी ने कहा, “आतंकियों और उनके प्रायोजकों को सजा मिलेगी।” त्राल में आतंकी का घर ढहाया जा चुका है, और सर्जिकल स्ट्राइक की चर्चा तेज है। पाकिस्तान की उकसावे की नीति उसे “आगे कुआं, पीछे खाई” की स्थिति में धकेल रही है।
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