15,845 बांग्लादेशी और रोहिंग्या अवैध प्रवासियों के बने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र, किरीट सोमैया ने दी जानकारी
महाराष्ट्र के लातूर में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों का मामला सामने आया है। ये लोग फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाकर भारत में रह रहे थे। पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इससे पहले भी मालेगांव, अमरावती, जालना और संभाजीनगर में इसी तरह के फर्जी दस्तावेज बनाने के मामले सामने आ चुके हैं।
लातूर में 13 मार्च को FIR (नंबर 89) दर्ज की गई है। इस मामले में भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2) के तहत केस दर्ज किया गया है। इन धाराओं के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जीवाड़े जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
ये सभी आरोपी बांग्लादेश के नागरिक हैं और अवैध रूप से महाराष्ट्र में रह रहे थे। इन्होंने नकली दस्तावेजों के आधार पर भारतीय जन्म प्रमाणपत्र बनवाने की कोशिश की थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आरोपियों के नाम:
1. मदार युसुफ पठान
2. अनीरूनीसा मोहम्मद
3. फैमुन्बी अय्युब मणियार
4. शाहिदा शौकत कुरेशी
5. फरहीन तौसीफ कुरेशी
6. हुसैन गफूर शेख
7. नाजेरा अब्दुल खुदुस
8. रुखसार मोसीन कुरेशी
9. मुस्तफा महेबूब
यह है आरोप
बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने एक बड़े घोटाले का खुलासा किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी देते हुए बताया कि कुछ लोगों ने फर्जी आधार कार्ड, नकली दस्तावेज और झूठे शपथ पत्रों का इस्तेमाल कर भारत में जन्म प्रमाणपत्र हासिल कर लिया।
15,845 बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बने
बीजेपी नेता किरीट सोमैया पहले भी महाराष्ट्र में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। 22 जनवरी को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट शेयर कर इसका एक अनुमानित आंकड़ा भी जारी किया था।
सोमैया के अनुसार, महाराष्ट्र के अकोला जिले में 15,845 बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र दिए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक बड़ा घोटाला है और इसकी जांच होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि अलग-अलग इलाकों में कितने लोगों को फर्जी प्रमाणपत्र मिले:
- अकोला – 4849 लोग
- अकोट – 1899 लोग
- बालापूर – 1468 लोग
- मुर्तिज़ापुर – 1070 लोग
- तेल्हारा – 1262 लोग
- पातूर – 3978 लोग
- बार्शीटाकली – 1319 लोग
सोमैया ने दावा किया कि 2024 के चुनाव आचार संहिता के दौरान इन फर्जी दस्तावेजों के सहारे हजारों लोगों ने अपनी पहचान बनाई। सिर्फ सोमैया ही नहीं, बल्कि गृह मंत्री अमित शाह भी भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी प्रवासियों के मुद्दे पर कई बार अपनी चिंता जता चुके हैं।
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