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बांग्लादेश बना कंगलादेश, त्रिपुरा का 200 करोड़ बिजली बिल बकाया; सप्लाई होगी बंद?

बांग्लादेश पर अडानी पावर का 680 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है। इसलिए आपूर्ति को कम करके 529 मेगावाट कर दिया गया था, जबकि पहले 1400-1500 मेगावाट तक बिजली सप्लाई होती थी।
05:32 PM Dec 23, 2024 IST | Vyom Tiwari

भारत और बांग्लादेश के रिश्ते भले ही नाजुक दौर से गुजर रहे हों, लेकिन भारत ने हमेशा एक अच्छे पड़ोसी की तरह उसका साथ दिया है। चाहे बात खाने-पीने की चीज़ों की हो या बिजली की, भारत ने बांग्लादेश को कभी किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी। लेकिन बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस सरकार का रुख भारत के प्रति बदल गया है। वे आए दिन भारत पर तरह-तरह के आरोप लगाते रहते हैं। इसके बावजूद भारत ने अपनी मदद का हाथ पीछे नहीं खींचा। अब खबर आई है कि बांग्लादेश पर भारत के त्रिपुरा का 200 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है। इसके बाद भी भारत ने न तो बिजली की सप्लाई रोकी है और न ही ऐसा कोई कदम उठाने पर विचार किया है।

200 करोड़ रूपए की बिजली का भुगतान बकाया 

बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद, भारत-विरोधी रुख देखने को मिल रहा है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने जानकारी दी है कि बांग्लादेश ने त्रिपुरा से बिजली लेने के बदले लगभग 200 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है। यह बकाया हर दिन बढ़ता जा रहा है। त्रिपुरा सरकार को उम्मीद है कि बांग्लादेश जल्द ही यह रकम चुका देगा, ताकि बिजली आपूर्ति में कोई रुकावट न आए।

त्रिपुरा राज्य विद्युत निगम लिमिटेड, NTPC विद्युत व्यापार निगम के जरिए बांग्लादेश को 60-70 मेगावाट बिजली भेजता है। इसके लिए बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के साथ एक समझौता किया गया था। इस समझौते के बाद, मार्च 2016 से त्रिपुरा ने बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति शुरू की।

भुगतान करने में आनाकानी 

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा है कि बांग्लादेश द्वारा बिजली का बकाया चुकाने में देरी हो रही है, और इस मामले में अभी कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है। जब उनसे पूछा गया कि अगर बांग्लादेश ने बकाया नहीं चुकाया तो क्या त्रिपुरा सरकार बिजली आपूर्ति बंद कर देगी, तो उन्होंने कहा कि यह भी एक विकल्प हो सकता है, लेकिन फिलहाल ऐसा कोई निर्णय नहीं हुआ है।

त्रिपुरा में बिजली उत्पादन संयंत्र बनाने के लिए कई मशीनें बांग्लादेश के क्षेत्र या चटगांव बंदरगाह के रास्ते लाई गई थीं। इसके बदले में कृतज्ञता के तौर पर त्रिपुरा सरकार ने एक समझौते के बाद बांग्लादेश को बिजली देना शुरू किया। इसके अलावा अडानी पावर के साथ-साथ एनटीपीसी लिमिटेड और पीटीसी इंडिया लिमिटेड जैसी अन्य भारतीय सरकारी कंपनियां भी बांग्लादेश को बिजली सप्लाई कर रही हैं।

त्रिपुरा-बांग्लादेश सीमा

त्रिपुरा का ज्यादातर हिस्सा बांग्लादेश से घिरा हुआ है। इसके उत्तर, दक्षिण और पश्चिम तीनों तरफ बांग्लादेश है। इसकी कुल सीमा का 84% हिस्सा, यानी 856 किलोमीटर, बांग्लादेश के साथ है।

 

 

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