Badar Khan Suri: जामिया से PHD होल्डर बदर खान के हमास से कैसे जुड़ गए तार?
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले बदर खान सूरी उस समय सुर्खियों में आ गए, जब उन्हें अमेरिका में फिलिस्तीनी संगठन हमास से कथित संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया गया। दरअसल जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली से PHD करने वाले इस शख्स पर यहूदी विरोधी गतिविधियों और हमास के प्रचार में शामिल होने का इल्जाम लगा है। अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि वह हमास के वरिष्ठ नेता यूसुफ अहमद के संपर्क में थे। लेकिन सवाल यह है कि शांति और विवाद पर रिसर्च करने वाला यह शख्स हमास जैसे संगठन से कैसे जुड़ा? आइए, इसकी कहानी को समझते हैं।
कौन हैं बदर खान सूरी?
बता दें कि बदर खान सूरी सहारनपुर के मूल निवासी हैं। उन्होंने 2009 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दाखिला लिया और 2020 तक वहां रहे। इस दौरान उन्होंने शांति और विवाद (Peace and Conflict Studies) में मास्टर और पीएचडी पूरी की। लिंक्डइन पर खुद को शांति मामलों का विशेषज्ञ बताने वाले बदर 2022 में अमेरिका चले गए, जहां वे जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में पोस्ट-डॉक्टरल फेलो के तौर पर पढ़ाई कर रहे थे। उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि और करियर शांति स्थापना से जुड़ा रहा, लेकिन उनकी गतिविधियों ने अब सवाल खड़े कर दिए हैं।
कैसे आया हमास के संपर्क में?
बदर का हमास से कथित रिश्ता उनकी निजी जिंदगी से शुरू हुआ। 2012 में जामिया में पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात मफज से हुई, जो बाद में उनकी पत्नी बनीं। मफज, हमास के वरिष्ठ नेता यूसुफ अहमद की बेटी हैं। यूसुफ हमास के पूर्व प्रमुख इस्माइल हनियेह के सलाहकार रह चुके हैं। बदर ने एक इंटरव्यू में बताया, "मफज मेरे काम को ट्रांसलेट करती थी। धीरे-धीरे हम करीब आए और 2014 में मैंने उसे शादी का प्रस्ताव दिया।" शुरुआत में यूसुफ ने इस रिश्ते को ठुकरा दिया था, लेकिन बदर और मफज ने उन्हें मनाने के लिए गाजा का दौरा किया। आखिरकार, 2014 में दिल्ली में दोनों की शादी हो गई। मफज भी जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर चुकी हैं और फिलहाल अमेरिका में रहती हैं।
हमास में पैठ कैसे बनी?
अमेरिकी जांच एजेंसियों के मुताबिक, बदर का हमास से संबंध उनकी शादी के बाद गहरा हुआ। पोलिटिको और मिडिल ईस्ट फोरम की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि बदर सोशल मीडिया पर इजरायल सरकार और पुलिस के खिलाफ लगातार पोस्ट करते थे। इन पोस्ट्स में फिलिस्तीन समर्थन और यहूदी विरोधी भावनाएं साफ झलकती थीं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि बदर कई मौकों पर यूसुफ अहमद से मिले। यूसुफ के साथ उनकी नजदीकी उनकी पत्नी मफज के जरिए बनी, जो गाजा से ताल्लुक रखती हैं और फिलिस्तीनी मुद्दों पर सक्रिय रही हैं। बदर ने मिडिल ईस्ट मॉनिटर वेबसाइट के लिए भी फिलिस्तीन समर्थन में कई लेख लिखे, जो उनके विचारों को दर्शाते हैं।
अमेरिका में हुई गिरफ्तारी
17 मार्च 2025 को अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारियों ने बदर को वर्जीनिया के रॉसलिन में उनके घर से गिरफ्तार किया। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने आरोप लगाया कि बदर हमास का प्रचार कर रहे थे और सोशल मीडिया पर यहूदी विरोधी भावनाएं भड़का रहे थे। अधिकारियों का कहना है कि उनकी गतिविधियां अमेरिकी विदेश नीति के लिए खतरा थीं। उनकी पत्नी मफज अमेरिकी नागरिक हैं, लेकिन बदर स्टूडेंट वीजा पर थे। अब अगर उन्हें कोर्ट से राहत नहीं मिली, तो उन्हें भारत डिपोर्ट किया जा सकता है।
बदर के वकील का दावा
बदर के वकील ने दावा किया कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं और यह कार्रवाई ट्रंप प्रशासन की इजरायल समर्थक नीतियों का हिस्सा है। जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी ने भी कहा कि उन्हें बदर की गिरफ्तारी की वजहों की जानकारी नहीं है। दूसरी ओर, बदर के लेख और सोशल मीडिया गतिविधियां उनके फिलिस्तीन समर्थन को साफ दर्शाती हैं, जो हमास से उनके वैचारिक जुड़ाव की ओर इशारा करती हैं।
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