औरंगजेब कब्र विवाद: Nagpur हिंसा के बीच RSS का बड़ा बयान, VHP ने दी सधी हुई प्रतिक्रिया, जानें पूरा घटनाक्रम
RSS On Aurangzeb tomb row: महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र (Aurangzeb tomb) को लेकर छिड़ा विवाद अब हिंसा और राजनीतिक बयानबाजी का केंद्र बन गया है। नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा ने इस मुद्दे को और गरमा दिया है। इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के बयानों ने चर्चा को नई दिशा दी है। RSS ने औरंगजेब को अप्रासंगिक करार देते हुए हिंसा को समाज के लिए अनुचित बताया, वहीं VHP ने संघ के रुख का स्वागत किया, लेकिन औरंगजेब के मुद्दे पर सीधा जवाब देने से परहेज किया। आइए, इस पूरे घटनाक्रम (nagpur news today) को विस्तार से समझते हैं।
औरंगजेब की कब्र को लेकर नागपुर में मचा है बबाल
नागपुर में 17 मार्च 2025 को विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान औरंगजेब का पुतला जलाया गया और एक हरित चादर को आग के हवाले करने की अफवाह फैली, जिसे कुछ लोगों ने धार्मिक भावनाओं से जोड़ा। इसके बाद शाम को हिंसा भड़क उठी। भीड़ ने पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ की, जिसमें 30 से ज्यादा लोग, ज्यादातर पुलिसकर्मी, घायल हुए। पुलिस ने इस हिंसा का मास्टरमाइंड माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के शहर अध्यक्ष फहीम शमीम खान को बताया, जिसके नेतृत्व में 50-60 लोगों ने पुलिस स्टेशन पर भीड़ जुटाई थी। इस घटना में महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़खानी की कोशिश का भी खुलासा हुआ।
"औरंगजेब अप्रासंगिक, हिंसा गलत": RSS का बड़ा बयान
19 मार्च 2025 को RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस विवाद पर अपनी राय रखी। जब उनसे पूछा गया कि क्या औरंगजेब आज प्रासंगिक है और क्या उसकी कब्र हटाई जानी चाहिए, तो उन्होंने कहा, "औरंगजेब आज के समय में प्रासंगिक नहीं है। किसी भी तरह की हिंसा समाज के लिए अच्छी नहीं है।" यह बयान उस समय आया जब नागपुर में कर्फ्यू लागू था और तनाव चरम पर था। आंबेकर ने हिंसा को अस्वीकार करते हुए इसे सामाजिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया। यह RSS का आधिकारिक रुख था, जो इस मुद्दे पर संयमित और शांतिपूर्ण दृष्टिकोण को दर्शाता है।
#WATCH | Bengaluru, Karnataka: When asked if Aurangzeb is still relevant today and whether his tomb should be removed, Sunil Ambekar, Akhil Bharatiya Prachar Pramukh, RSS, says, "I think it is not relevant."
On the Nagpur violence, he says, "Violence of any kind is not good for… pic.twitter.com/7q0e6f9D5m
— ANI (@ANI) March 19, 2025
"हिंदू हिंसा नहीं करता": VHP का रिएक्शन
RSS के बयान के बाद VHP ने भी अपनी बात रखी। महाराष्ट्र प्रांत के VHP मंत्री गोविंद शेंडे ने कहा, "संघ का हिंसा के खिलाफ बयान स्वागत योग्य है। हिंदू हिंसा नहीं करता।" हालांकि, उन्होंने औरंगजेब के मुद्दे पर सुनील आंबेकर के बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। शेंडे ने कहा, "हमें नहीं पता कि आंबेकर से क्या सवाल पूछा गया और किस संदर्भ में उन्होंने जवाब दिया, इसलिए इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे।" VHP ने नागपुर हिंसा की निंदा की और इसे सुनियोजित साजिश करार दिया, लेकिन औरंगजेब की कब्र हटाने की अपनी मांग पर कोई नया बयान नहीं दिया।
संघ की बैठक के बीच PM की नागपुर यात्रा
बता दें कि यह बयान ऐसे समय आया है जब RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक 21 से 23 मार्च तक बेंगलुरु में होने जा रही है। सुनील आंबेकर ने बताया कि इस बैठक में देशभर के प्रतिनिधि और कार्यकर्ता शामिल होंगे। यह संघ की सबसे महत्वपूर्ण बैठक है, जिसमें सामाजिक सहभागिता बढ़ाने पर चर्चा होगी। वहीं, जब उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 30 मार्च को नागपुर यात्रा के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "अच्छा है, स्वागत है।" यह दर्शाता है कि RSS इस मुद्दे को लेकर सियासी तनाव से दूर रहना चाहता है।
औरंगजेब विवाद की मूल जड़
औरंगजेब की कब्र का मुद्दा हाल ही में फिल्म "छावा" के रिलीज के बाद से गरमाया है, जिसमें छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच संघर्ष को दिखाया गया है। VHP और बजरंग दल जैसे संगठन इसे हटाने की मांग कर रहे हैं, जबकि यह ASI के संरक्षण में है। नागपुर हिंसा ने इस बहस को और तीखा कर दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे सुनियोजित हमला बताया और फिल्म के प्रभाव को भी जिम्मेदार ठहराया। इस बीच, RSS और VHP के बयानों से यह संकेत मिलता है कि वे हिंसा से दूरी बनाना चाहते हैं, लेकिन औरंगजेब के ऐतिहासिक महत्व पर अलग-अलग नजरिया रखते हैं।
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