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पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जे की कोशिश, पुलिस ने शुरू की जांच

पुरी के जगन्नाथ मंदिर की ज़मीन पर अवैध कब्जे की कोशिश को लेकर मंदिर प्रशासन ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
07:41 PM Jan 30, 2025 IST | Girijansh Gopalan
पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर की जमीन को कब्जा करने की कोशिश।

पुरी में भगवान श्री जगन्नाथ की मंदिर की ज़मीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिश के मामले में मंदिर प्रशासन ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। पुरी के कुम्भारपड़ा थाने में दायर की गई शिकायत में, मंदिर प्रशासन ने ज़मीन पर कब्जा करने और उसे प्लॉट में बदलने की साजिश को लेकर पुलिस से कार्रवाई की मांग की है।

पुरी में भगवान जगन्नाथ की ज़मीन पर कब्जा करने की कोशिश

पुरी के जगन्नाथ मंदिर की ज़मीन हमेशा से ही धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखती है। अब इसी ज़मीन पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। मंदिर प्रशासन ने श्री गुंडिचा मंदिर के पास स्थित ज़मीन पर अवैध कब्जे की खबर मिलने के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। कुम्भारपड़ा थाने में दायर की गई शिकायत में कहा गया है कि कुछ लोग मंदिर की ज़मीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे और उसे प्लॉटिंग के जरिए बेचने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी है और इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया है। मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक अरविंद कुमार पाढ़ी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और तहसीलदार को प्राथमिक जांच करने का आदेश दिया है।

क्या है जमीन का मूल्य और सरकारी कीमत?

यह ज़मीन तालबेणीया मौजा के खाता नंबर 791 के अंतर्गत आती है और इसमें शामिल कुछ प्लॉट्स के नंबर 827, 824, 821, 823, 825 और 821/1816 बताए गए हैं। इन सभी प्लॉट्स का कुल क्षेत्रफल करीब 50 डिसमिल है और इनकी सरकारी कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये है। मंदिर प्रशासन ने कहा कि इन ज़मीनों पर कब्जा करने के प्रयास को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

पुलिस ने कहा दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

मंदिर प्रशासन ने मामले को लेकर पुरी के कुम्भारपड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद, पुरी के पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल ने भी मंदिर प्रशासन से चर्चा की और इस मामले पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भगवान जगन्नाथ की ज़मीन पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा करने की कोशिश को पूरी तरह से नकारा जाएगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि इस मामले को जल्द सुलझा लिया जाएगा और जांच में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। प्रशासन का यह साफ संदेश है कि भगवान जगन्नाथ की ज़मीन पर कब्जा करना पूरी तरह से गैरकानूनी है और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पहले भी हो चुकी है ज़मीन पर कब्जे की कोशिश

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब पुरी में जगन्नाथ मंदिर की ज़मीन पर कब्जे की कोशिश की जा रही हो। इससे पहले, पुरी के मटिटोटा इलाके में भी मंदिर की ज़मीन पर कब्जा करने की कोशिश की गई थी। मटिटोटा इलाके में 109 प्लॉट्स हैं और इनका कुल क्षेत्रफल लगभग 64 एकड़ है, जिसकी सरकारी कीमत करीब 512 करोड़ रुपये है। मंदिर प्रशासन को जब इस मामले की भनक लगी, तो उन्होंने स्थानीय पुलिस स्टेशन, बसलीसाही में शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। मंदिर प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी परिस्थिति में भगवान जगन्नाथ की ज़मीन पर अवैध रूप से कोई भी लेन-देन न करें, क्योंकि इसके लिए सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर प्रशासन ने किया जनता को जागरूक

जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने पुरी के स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं को सतर्क करते हुए कहा है कि भगवान जगन्नाथ की ज़मीन की कोई भी अवैध बिक्री या खरीददारी पूरी तरह से गैरकानूनी है। इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जाएगी।
मंदिर प्रशासन ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में शामिल लोग ना केवल ठगी का शिकार हो सकते हैं, बल्कि उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भगवान जगन्नाथ की ज़मीन से जुड़ा कोई भी मामला अब और नहीं उठने दिया जाएगा, और इसमें किसी भी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी।

जगन्नाथ मंदिर की जमीन का है धार्मिक महत्व 

पुरी का श्री जगन्नाथ मंदिर न सिर्फ ओडिशा, बल्कि पूरे भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में एक है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं और भगवान जगन्नाथ के दर्शन करते हैं। मंदिर की ज़मीन का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है, और यही कारण है कि इस पर कब्जे की कोशिशें लगातार हो रही हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह इस ज़मीन की सुरक्षा के लिए और कड़े कदम उठाए, ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों से बचा जा सके।

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