कलमा पढ़ने से बची प्रोफेसर की जान, पहलगाम आतंकी हमले में सामने आई चौंकाने वाली कहानी
कश्मीर की वादियों में सैर के लिए गए लोगों ने उस दिन शायद ही सोचा होगा कि उनकी जिंदगी अचानक मौत के साए में आ जाएगी। पहलगाम के बैसरन इलाके में हुए आतंकी हमले ने 27 मासूम सैलानियों की जान ले ली। लेकिन इसी हमले के बीच एक ऐसी कहानी सामने आई है जो रोंगटे खड़े कर देती है—यह कहानी है असम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर देबाशीष भट्टाचार्य की, जो चमत्कारिक रूप से इस हमले में बच निकले।
एक पेड़ की छांव और मौत का साया
देबाशीष अपने परिवार के साथ वादी की खूबसूरती में खोए हुए थे। एक पेड़ के नीचे चैन से सो रहे थे, जब अचानक फुसफुसाहटें सुनाई दीं। लोग चारों ओर कलमा पढ़ रहे थे। माहौल देखकर उन्होंने भी कलमा पढ़ना शुरू कर दिया। तभी कुछ वर्दीधारी लोग सामने आए—हाथों में बंदूकें, चेहरे पर कोई भाव नहीं।
कलमा पढ़ने के कारण बची देवाशीष की जान
एक आतंकवादी उनके बेहद करीब आया। उसने उनके बगल में लेटे एक शख्स के सिर में गोली मार दी। फिर सीधा देबाशीष की ओर मुड़ा, आंखों में झांककर पूछा, “क्या कर रहे हो?” प्रोफेसर ने जवाब नहीं दिया, बस और तेज़ कलमा पढ़ते रहे। कुछ पल बाद, वह आतंकी मुड़ा और वहां से चला गया। मौत, जो बिल्कुल सामने खड़ी थी, किसी अदृश्य शक्ति के कारण पीछे हट गई।
घोड़ों के खुरों ने दिखाई जिंदगी की राह
हमले के बाद हालात बेकाबू थे। देबाशीष ने बिना समय गंवाए अपनी पत्नी और बेटे को साथ लिया और जंगल की ओर भाग निकले। घबराहट और डर के बीच, उन्होंने घोड़ों के खुरों के निशान पकड़े और उन्हें फॉलो किया। करीब दो घंटे की पैदल यात्रा के बाद, वे एक घुड़सवार तक पहुंचे जिसने उन्हें होटल तक सुरक्षित पहुंचाया। आज जब वे अपनी कहानी सुनाते हैं, तो कहते हैं, “अब भी यकीन नहीं होता कि मैं जिंदा हूं।” उनका परिवार अब श्रीनगर में है और जल्द से जल्द घर लौटने की तैयारी में।
लश्कर-ए-तैयबा ने उजाड़ी 27 ज़िंदगियां
इस आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक छाया संगठन TRF ने जिम्मेदारी ली है। तीन आतंकवादियों ने पर्यटकों को चुन-चुनकर निशाना बनाया। कुछ चश्मदीदों ने बताया कि हमलावरों ने स्नाइपर से दूर से गोली चलाई। मर्द और औरतों को अलग कर पहचान की पुष्टि के बाद मारा गया।
हमले के बाद जारी हुआ हाई अलर्ट
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ। भारतीय सेना की चिनार कोर लगातार आतंकियों की तलाश में जुटी है। घाटी में हाई अलर्ट जारी है और हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। अभी तक तीन आतंकियों के स्केच बनाकर जारी किए जा चुके हैं और सभी आतंकियों की धरपकड़ के लिए तेजी से कार्रवाई की जा रही है।
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