Anant Ambani Padyatra: रामनवमी पर अनंत अंबानी की पदयात्रा पूरी, 170 KM पैदल चलकर पहुंचे द्वारकाधीश
Anant Ambani Padyatra: जामनगर से लेकर द्वारका तक की 170 किलोमीटर लंबी पदयात्रा को पूरा कर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के सबसे छोटे बेटे अनंत अंबानी ने भारतीय आध्यात्मिक परंपराओं को एक बार फिर जीवंत कर दिया है। यह पदयात्रा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं रही, बल्कि आध्यात्मिकता, स्वास्थ्य संघर्ष और आत्मबल का प्रेरक संगम बन गई है।
रामनवमी पर पूरी हुई यात्रा
अनंत अंबानी ने 29 मार्च को अपने पैतृक गृहनगर जामनगर से द्वारका की ओर पदयात्रा की शुरुआत की थी। प्रतिदिन औसतन 20 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए उन्होंने लगभग 10 दिनों में यह यात्रा पूरी की। खास बात यह रही कि उन्होंने द्वारकाधीश मंदिर तक की यह यात्रा अपने 30वें जन्मदिन से तीन दिन पहले, रामनवमी के शुभ अवसर पर पूरी की।
आम लोग भी यात्रा में हुए शामिल
यात्रा के दौरान अनंत अंबानी के साथ लोग स्वतः ही जुड़ते गए। मार्ग में श्रद्धालु उनकी इस भक्ति यात्रा का हिस्सा बने। कुछ ने उन्हें द्वारकाधीश की तस्वीरें भेंट कीं तो कुछ ने पूरे रास्ते उनके साथ चलकर भक्ति और एकजुटता का परिचय दिया। यह यात्रा एक धार्मिक सौहार्द का प्रतीक बनकर उभरी।
द्वारका पहुंचकर अनंत अंबानी ने कहा, "आप सबको जय द्वारकाधीश, रामनवमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज पदयात्रा का दसवां दिन है और इसका समापन भी हो चुका है। मेरे दर्शन हो चुके हैं। आप सबको द्वारकाधीश आशीर्वाद दें। जय द्वारकाधीश।"
मां नीता अंबानी ने जताया गर्व
अनंत की मां और रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी ने कहा, "एक मां के रूप में यह मेरे लिए गर्व का क्षण है। अनंत ने जिस आस्था और समर्पण के साथ यह यात्रा पूरी की, वह मेरे दिल को अपार खुशियों से भर देता है। मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं, जो अनंत के साथ इस पदयात्रा में शामिल हुए। जय श्रीकृष्ण और जय द्वारकाधीश।"
स्वास्थ्य चुनौतियों के बावजूद पूरी की यात्रा
अनंत अंबानी लंबे समय से कुशिंग सिंड्रोम, मोटापा, अस्थमा और फेफड़ों की बीमारी जैसी स्वास्थ्य चुनौतियों से जूझ रहे हैं। इसके बावजूद उन्होंने यह कठिन यात्रा न केवल पूरी की बल्कि हर दिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और देवी मंत्रों का जाप करते हुए आध्यात्मिक शक्ति का अद्भुत प्रदर्शन किया।
अनंत अंबानी हमेशा से ही आध्यात्मिक रुचि के लिए जाने जाते हैं। वे बद्रीनाथ, केदारनाथ, कामाख्या, नाथद्वारा, कालीघाट जैसे धार्मिक स्थलों पर नियमित रूप से जाते रहे हैं। इस पदयात्रा ने उनके आध्यात्मिक समर्पण को एक नया आयाम दिया।
व्यापार और सेवा में भी हैं सक्रिय
आध्यात्मिकता के साथ-साथ अनंत बिजनेस व सेवा के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। वे दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी की देखरेख कर रहे हैं, भारत की सबसे बड़ी नई ऊर्जा परियोजनाओं का नेतृत्व कर रहे हैं और उन्होंने 'वंतारा' नामक पशु संरक्षण केंद्र की स्थापना भी की है, जिसका उद्घाटन स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
यह भी पढ़ें: BRS का गांधी परिवार पर हमला, कहा- जब अल्पसंख्यकों को जरूरत थी, तब कहां थे