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Amit Shah Statement: 15-20 साल तक देश की सत्ता पर किसी का नंबर नहीं लगने वाला, जो करना है, हमें ही करना है: अमित शाह

Amit Shah Statement: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के पास अगले 15-20 सालों तक सत्ता में आने का कोई मौका नहीं है।
10:44 PM Mar 25, 2025 IST | Pushpendra Trivedi

Amit Shah Statement: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में एक बयान देकर विपक्ष को भड़का दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा यहां टिकने वाली है और विपक्ष के पास अगले 15-20 सालों तक सत्ता में आने का कोई मौका नहीं है। गृह मंत्री ने यह टिप्पणी राज्यसभा में आपदा प्रबंधन विधेयक 2024 में किए जा रहे संशोधनों पर बहस के दौरान की। मंगलवार को राज्यसभा में पारित आपदा प्रबंधन विधेयक 2024 को इससे पहले दिसंबर में शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा ने मंजूरी दे दी थी। अब जब विधेयक संसद से पारित हो गया है, तो अमित शाह ने जोर देकर कहा कि आपदाओं से निपटने में शक्तियों का केंद्रीकरण या राज्यों के साथ भेदभाव नहीं होगा।

गृहमंत्री के बयान से भड़की विपक्ष

बहस के दौरान अमित शाह ने विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर तीखा हमला किया, जो विधेयक का विरोध कर रहे थे। गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री राहत कोष के कांग्रेस पार्टी के पिछले प्रबंधन की ओर इशारा किया और जवाबदेही और पारदर्शिता की कमी को लेकर ग्रैंड ओल्ड पार्टी पर निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री ने एक बयान में कहा कि कुछ सदस्यों ने सवाल उठाया कि अगर किसी विधेयक को समय पर दुरुस्त नहीं किया जाता तो उसमें संशोधन की क्या जरूरत है।

विपक्ष पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि उन्हें (विपक्ष को) लगता है कि शायद वे आकर इसे बदल देंगे। लेकिन, अगले 15-20 साल तक किसी की बारी नहीं आएगी। आगे बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि जो भी करना है, उन्हें ही करना है। आपदा प्रबंधन अधिनियम पहली बार 2005 में लागू किया गया था। इसके तहत एनडीएमए, एसडीएमए और डीडीएमए का गठन किया गया था। अब चिंता जताई जा रही है कि सत्ता का केंद्रीकरण हो जाएगा।

आपदा प्रबंधन विधेयक पास

अगर आप पूरे विधेयक को ध्यान से पढ़ेंगे तो पाएंगे कि क्रियान्वयन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी जिला आपदा प्रबंधन की है जो राज्य सरकार के अधीन है। इसलिए संघीय ढांचे को कहीं भी नुकसान पहुंचाने की संभावना नहीं है। अपनी 'चाणक्य नीति' के लिए मशहूर अमित शाह का यह बयान विपक्ष के सामने शक्ति प्रदर्शन न होकर एक सोची-समझी टिप्पणी प्रतीत होती है। राज्यसभा सदस्यों को विधेयक की विशेषताओं के बारे में जानकारी देते हुए अमित शाह ने कहा, "यह विधेयक पारदर्शिता, विश्वसनीयता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा कि सरकार "प्रतिक्रियात्मक से सक्रिय और अभिनव दृष्टिकोण की ओर बढ़ रही है।

आपदाओं के तरीके और स्केल बदले हैं 

अमित शाह ने कहा, आपदा का सीधा रिश्ता जलवायु परिवर्तन से है. हम ग्लोबल वार्मिग की बात करें. हजारों साल से हम प्रकृति के संरक्षण की बात कर रहे हैं. आपदाओं के तरीके और स्केल बदले हैं, यही कारण है कि उनको उसी हिसाब से बदलना होगा, इसी कारण इस बिल को लेकर आए हैं. सभी लोगों से जो सुझाव मिले, उसमें 87 परसेंट सुझावों को स्वीकार कर हम ये बिल लाएं है.

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