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'जहां आतंकी मरते हैं, अब वहीं दफना देते हैं', कश्मीर और आतंकवाद के मुद्दे पर राज्यसभा में खूब बरसे अमित शाह

राज्यसभा में अमित शाह ने कश्मीर, धारा 370 और आतंकवाद पर कड़ा बयान दिया। मोदी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति से क्या बदला? जानिए पूरी रिपोर्ट।
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Amit Shah Statement On Kashmir: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में कश्मीर और आतंकवाद के मुद्दे पर ऐसा तड़का लगाया कि विपक्ष के पास जवाब की गुंजाइश ही नहीं बची। गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा, "पहले आतंकी मरते थे तो जुलूस निकलते थे, अब जहां मरते हैं, वहीं दफना दिए जाते हैं।" यह बयान सिर्फ एक वाक्य नहीं, बल्कि मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का आईना है। शाह ने कश्मीर से लेकर नक्सलवाद तक, हर मोर्चे पर सरकार की रणनीति और कामयाबी का ऐसा खाका खींचा कि सदन में तालियां गूंज उठीं।

'जहां आतंकी मरते हैं, वहीं दफना देते हैं'

शाह ने कश्मीर में हुए बदलावों का जिक्र करते हुए कहा, "पहले कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा में लाल चौक पर तिरंगा फहराने के लिए सेना की मदद लेनी पड़ती थी। आज हर घर तिरंगा अभियान के तहत लाल चौक पर हर घर में तिरंगा लहरा रहा है। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि आतंकियों से निपटने के लिए सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, "पहले आतंकी मरने पर बड़े जुलूस निकलते थे, लेकिन अब आतंकी जहां मरते हैं, उन्हें वहीं दफना दिया जाता है। आतंकियों के परिवार वाले सरकारी नौकरी करते थे, लेकिन अब वे श्रीनगर या दिल्ली की जेल में हैं।"

धारा 370 पर क्या बोले अमित शाह?

गृह मंत्री ने धारा 370 को हटाने के फैसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा, "धारा 370 कश्मीर के अलगाववाद का मूल थी। संविधान निर्माताओं ने इसे अस्थायी बनाया था, लेकिन इसे हटाने का बीज भी धारा 370 में ही डाल दिया गया था। 5 अगस्त 2019 को इस सदन में धारा 370 को हटाकर हमने एक देश, एक विधान और एक निशान का सपना साकार किया।"

'आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस'

शाह ने कहा कि तीन बड़ी समस्याएं देश के लिए नासूर बन गई थीं: जम्मू-कश्मीर का आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और पूर्वोत्तर का उग्रवाद। इन समस्याओं ने 4 दशकों तक देश की शांति और विकास को प्रभावित किया। उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर में पहले आतंकी आते थे और त्योहारों में हमले होते थे। मोदीजी के आने के बाद भी उरी और पुलवामा जैसे हमले हुए, लेकिन हमने 10 दिन के अंदर पाकिस्तान में एयरस्ट्राइक कर जवाब दिया। आज भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो अपनी सीमा और सेना की सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं।"

गृह मंत्रालय ने रचे नए कीर्तिमान

अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय बहुत विषम परिस्थितियों में काम करता है, क्योंकि कानून व्यवस्था का जिम्मा राज्यों पर है। हालांकि, पिछले 10 सालों में मोदी सरकार ने गृह मंत्रालय में कई बड़े बदलाव किए हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा, "76 साल बाद ऐसी परिस्थिति बन गई है कि कई अपराध अब राज्य की सीमा तक सीमित नहीं रहते। वे अंतरराज्यीय, बहुराज्यीय और देश की सीमा से बाहर से भी किए जाते हैं। इन सबको देखते हुए गृह मंत्रालय में बदलाव करना जरूरी था।"

नक्सलवाद के खात्मे को लेकर क्या बोले?

अमित शाह ने एक बार फिर 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने का वादा किया। उन्होंने कहा, "छत्तीसगढ़ में BJP सरकार आने के बाद से 380 नक्सली मारे गए हैं, 1,194 को गिरफ्तार किया गया है और 1,045 ने सरेंडर किया है। मैं दृढ़ता से कहता हूं कि 31 मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद का सफाया हो जाएगा।"

राहुल गांधी पर यूं कसा तंज़

बिना नाम लिए शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "कुछ लोग कश्मीर में बर्फ की होली खेलते हैं और आतंकवादियों को दूर से देखते हैं। हम तो आतंकवादियों को देखते ही सीधा गोली मारते हैं। हमारी सरकार आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करती।"

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